दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत देने की मांग वाली जनहित याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया. इस याचिका के माध्यम से अरविंद केजरीवाल के लिए सभी आपराधिक मामलों में अंतरिम जमानत की मांग की गई थी.
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता पर 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को “पूरी तरह से गलत” बताया.
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल थी, ने टिप्पणी की कि किसी आरोपी को उच्च संवैधानिक पद पर होने के कारण असाधारण अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती.
The Delhi High Court dismisses the PIL seeking the release of Chief Minister Arvind Kejriwal on “extraordinary interim bail.” The court imposes Rs. 75,000 in costs on the petitioner. pic.twitter.com/oav2Ew3gy4
— IANS (@ians_india) April 22, 2024
कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि सीएम केजरीवाल अदालत के आदेश पर न्यायिक हिरासत में हैं और जनहित याचिकाकर्ता के पास उनकी ओर से कोई पावर ऑफ अटॉर्नी नहीं है. इस मामले में याचिकाकर्ता लॉ (कानून) की पढ़ाई कर रहा है.
‘हम, भारत के लोग’ के नाम से दायर जनहित याचिका में अंतरिम राहत की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि सीएम केजरीवाल को काम के घंटों के दौरान अपने आधिकारिक कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति दी जाए और न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें सरकारी कार्यालयों का दौरा करने और विभिन्न स्थानों का निरीक्षण करने की आजादी दी जाए.
इस याचिका में सीएम केजरीवाल की सुरक्षा पर चिंता जताई गई थी.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस