नई दिल्ली | ट्विटर (Twitter) के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी (Jack Dorsey) ने दावा किया है कि भारत सरकार की तरफ से उन पर दबाव बनाया गया था और देश में ट्विटर को बंद करने तथा कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की भी धमकी मिली थी.
यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स (Breaking Points) के साथ सोमवार देर रात एक इंटरव्यू के दौरान, डॉर्सी ने कहा कि धमकियां तब मिलनी शुरू हुई थी, जब ट्विटर ने 2021 की शुरुआत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान (ट्विटर) अकाउंट्स को ब्लॉक करने की सरकार की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था.
डॉर्सी ने कहा, “सरकार की तरफ से उनके कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की बात कही गई थी. साथ ही नियमों का पालन नहीं करने पर ऑफिस बंद करने की भी धमकी दी गई थी और यह सब भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हुआ.”
डॉर्सी ने कहा, “किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थी जैसे कुछ खास पत्रकारों को लेकर जो सरकार के आलोचक थे. हमसे यहां तक कहा गया कि ‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’. यह हमारे लिए बड़ा बाजार है.”
Mother of Democracy – Unfiltered
“During farmer protest, Modi govt pressurized us and said we will shut down your offices, raid your employees’ homes, which they did if you don’t follow suit.”
– Jack Dorsey, former Twitter CEO pic.twitter.com/tOyCfyDWcz
— Srinivas BV (@srinivasiyc) June 12, 2023
डॉर्सी के आरोप पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह झूठ करार दिया. उन्होंने कहा कि न तो कोई जेल गया और न ही ट्विटर को बंद किया गया.
पिछले साल, ट्विटर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया था कि उसे 2021 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन के दौरान कई (ट्विटर) अकाउंट्स को पूरी तरह से ब्लॉक करने के लिए कहा गया था.
ट्विटर ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अकाउंट्स ब्लॉक करने का आदेश संविधान के तहत उपयोगकर्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन हैं. याचिका में सरकार के कदम को मनमाना और आईटी एक्ट की धारा 69ए का उल्लंघन भी बताया गया है.
केंद्र सरकार का कहना था कि ब्लॉक करने के आदेश राष्ट्रीय और जनहित में जारी किए गए थे और हिंसा को रोकने के लिए कार्रवाई की गई थी.
आईएएनएस