PM नरेंद्र मोदी के चुनाव लड़ने पर लगे 6 साल की रोक, SC में याचिका; फिर क्या हुआ
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह (चुनाव आयोग) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को छह सालों के लिए चुनाव से अयोग्य घोषित कर दे.
इस याचिका में धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए पीएम मोदी को अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत ऐसी याचिका सीधे शीर्ष अदालत (सुप्रीम कोर्ट) में दायर नहीं की जा सकती. इसके लिए पहले संबंधित अधिकारियों के पास जाना चाहिए.
पीठ ने कहा कि वह याचिका वापस लेने की इजाजत दे सकती है. इस पर, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शिकायत को चुनाव आयोग के समक्ष रखने की स्वतंत्रता दी जाए.
लेकिन अदालत ने यह छूट भी नहीं दी और याचिका को खारिज कर दिया.
याचिकाकर्ता फातिमा जो दिल्ली की रहने वाली हैं ने कहा कि चूंकि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, इसलिए मजबूरी में उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा.
याचिका में आरोप लगाया गया कि पीएम मोदी ने “न केवल हिंदू देवताओं और पूजा स्थलों के नाम पर वोट मांगे, बल्कि विरोधी दलों के खिलाफ मुसलमानों का पक्ष लेने वाली टिप्पणियां भी की.”
इससे पहले अप्रैल में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कुछ इसी तरह की याचिका खारिज कर की थी.
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk