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नई दिल्ली | ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहने के कारण घरेलू परिवहन ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है।
अनुमान है कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से घरेलू परिवहन ईंधन की कीमतें 10 रुपये से 32 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ जाएंगी।
हालांकि, राज्य के स्वामित्व वाली आयल मार्केटिंग कंपनीज (ओएमसी) ने मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन नहीं किया।
व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि ओएमसी 7 मार्च को या उसके बाद मौजूदा कीमतों में संशोधन करेगी, जो कि राज्य में चल रहे विधानसभा चुनावों में मतदान का आखिरी दिन था।
नवंबर की शुरूआत से अब तक ईंधन की कीमतें स्थिर रही हैं, जब केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।
हाल ही में, रूस-यूक्रेन संकट के साथ-साथ मजबूत मांग के कारण कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक वृद्धि हुई है।
ब्रेंट-इंडेक्स्ड (Brent indexed) में कच्चे तेल की कीमत मंगलवार को 125 डॉलर प्रति बैरल से अधिक थी, जो एक दिन पहले 14 साल के उच्च स्तर 130 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी।
शुक्रवार को ब्रेंट इंडेक्स्ड (Brent indexed) कच्चा तेल एक दिन पहले के 10 साल के उच्च स्तर 119.84 डॉलर प्रति बैरल से 113.76 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था।
हाल ही में, तंग आपूर्ति के डर से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान में, रूस दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
यह आशंका है कि रूस के खिलाफ नए और अधिक कड़े प्रतिबंध वैश्विक आपूर्ति को कम कर देंगे और वैश्विक विकास को प्रभावित करेंगे।
देश अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है और अनुमान है कि परिवहन ईंधन की कीमतों में 10 रुपये से 32 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती हैं।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज वीपी, रिसर्च, अनुज गुप्ता ने कहा, “कच्चे तेल की कीमतों का रुझान कम आपूर्ति के कारण तेज है।”
उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में पेट्रोल की कीमत में वृद्धि होगी।”
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल के मुताबिक, “कच्चे तेल की कीमतों में मंगलवार को बढ़ोतरी हुई और ब्रेंट ऑयल की कीमतें 3.38 फीसदी बढ़कर 127.37 डॉलर प्रति बैरल हो गईं। कच्चे तेल के दाम में तब बढ़ोतरी हुई जब रूस ने दाम बढ़ाने की चेतावनी दी और इसके साथ-साथ यूरोप के देशों की सप्लाई रोक देने की बात कही।”
उन्होंने कहा, “वैश्विक तेल की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर मंडरा रही हैं जो भारत में ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि के लिए मजबूत आधार बना रही हैं।”
इसके अलावा, कमोडिटीज एंड करेंसी कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के लीड क्षितिज पुरोहित ने कहा, “भारत सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अपने भंडार का उपयोग कर रही है और अगर तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें स्थिर नहीं रहती हैं तो हम पेट्रोल और डीजल में 10-12 रुपये की बढ़ोतरी देख सकते हैं।”
आईएएनएस
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