भारतीय सेना ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर में किया हवाई अभ्यास, 600 पैराट्रूपर्स ने आसमान से लगाई छलांग

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सांकेतिक तस्वीर
The Hindi Post

नई दिल्ली | भारतीय सेना की एयरबोर्न रैपिड रिस्पांस टीमों (Airborne Rapid Response Teams) के करीब 600 पैराट्रूपर्स ने विभिन्न एयरबेस से एयरलिफ्ट किए जाने के बाद 24 मार्च और 25 मार्च को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास एक एयरबोर्न एक्सरसाइज में बड़े पैमाने पर ड्रॉप्स (Drops) को अंजाम दिया। अभ्यास में उन्नत हवाई प्रविष्टि तकनीक या सैनिकों को एयरड्रॉप करना, निगरानी और टारगेट प्रैक्टिस शामिल था।

सिलीगुड़ी कॉरिडोर चीन के साथ देश की उत्तरी सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की सीमा के भी पास है।

कॉरिडोर को सैन्य दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और यह पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत से जोड़ता है।

पश्चिम बंगाल में 60 किमी लंबे और 22 किमी चौड़े सिलीगुड़ी कॉरिडोर को ‘चिकन नेक’ (Chicken Neck) के नाम से भी जाना जाता है।

दक्षिण और पश्चिम में बांग्लादेश और उत्तर में चीन के बीच स्थित, सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत को पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश और भूटान से जोड़ता है।

चूंकि चीन सीमा के अपने हिस्से में सड़क और हवाई पट्टी निर्माण गतिविधियों को जारी रखे हुए है, सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए खतरा लगातार बना हुआ है, क्योंकि बुनियादी ढांचा चीन को इस क्षेत्र में तेजी से लामबंद होने में मदद करेगा।

भारत ने भी इस क्षेत्र में तैनाती बढ़ा दी है और सैन्य बुनियादी ढांचा भी विकसित कर रहा है।

आईएएनएस

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