“मेरी चमड़ी मोटी नहीं, चोर-भ्रष्टाचारी कहने पर…..”: बोले अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली | दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”मैंने मन में सोचा था कि जब तक कोर्ट मुझे बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है. मैने सोचा कि मैं जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं.”
केजरीवाल ने रविवार को आम आदमी पार्टी द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित “जनता की अदालत” कार्यक्रम में कहा, “मैं आपसे पूछता हूं कि अगर मैं बेईमान होता, क्या मैं दिल्ली में बिजली फ्री कर सकता था. बिजली फ्री करने के 3000 करोड़ रुपए लगते हैं. अगर मैं बेईमान होता तो वह 3000 करोड़ रुपए खा जाता, बिजली फ्री करने की क्या जरूरत थी. अगर मैं बेईमान होता महिलाओं का किराया फ्री करता क्या? अगर मैं बेईमान होता तो आपके बच्चों के लिए स्कूल बनवाता क्या? अगर मैं बेईमान होता तो क्या आपका इलाज मुक्त करवाता? इनकी 22 राज्यों में सरकार है, कहीं बिजली फ्री नहीं है, कहीं महिलाओं का किराया फ्री नहीं है. मैं आपसे पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं.”
केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे देश के अंदर शिक्षा व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है. जिनके पास पैसा है वह अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेज देते हैं. जिनके पास पैसा नहीं है वह मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं. 75 साल के अंदर सरकारी स्कूलों का बेड़ागर्क कर दिया गया.
केजरीवाल ने कहा कि ऊपर वाले ने इस देश को एक मनीष सिसोदिया दिया. मनीष सिसोदिया ने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर गरीबों को एक उम्मीद दी है. ऐसे मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में रखा गया. मनीष सिसोदिया की जिंदगी केवल उसकी अपनी जिंदगी नहीं है, मनीष सिसोदिया की जिंदगी देश की जिंदगी है. कुछ दिन उपरांत नवरात्र प्रारंभ होने पर मैं अपना सरकारी आवास खाली कर दूंगा.
रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी आवास खाली करने के उपरांत वह अपने किसी कार्यकर्ता के साथ रहना शुरू करेंगे.
आईएएनएस/हिंदी पोस्ट वेब डेस्क