सैन्य मुख्यालय से लेकर पीएमओ तक, नेपाल में मजबूत पकड़ रखती हैं चीनी राजदूत होउ

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The Hindi Post

काठमांडू: नेपाल के सेनाध्यक्ष जनरल पूर्ण चंद्रथापा से लेकर प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के कार्यालय तक, काठमांडू में चीनी राजदूत होउ यांकी की पहुंच लगभग हर जगह है। नेपाली राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी उन्हें विशेष रात्रिभोज के लिए आमंत्रित करती हैं तो वहीं पर्यटन मंत्री योगेश भट्टराई, होउ के लिए विशेष आउटडोर फोटो शूट की सुविधा मुहैया करा देते हैं। होउ अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी ‘मॉडल जैसी’ तस्वीरों को अपलोड करती रहती हैं। वह काफी स्टाइलिश लुक में नजर आती हैं।

युवा चीनी राजदूत होउ यांकी काठमांडू में कूटनीति को नए सिरे से परिभाषित कर रही हैं। नेपाल के नक्शे को संशोधित करने के प्रधानमंत्री ओली के अप्रत्याशित कदम के पीछे होउ का हाथ माना जा रहा है। नक्शे में भारत के साथ विवादित क्षेत्र शामिल हैं।

नक्शा विवाद के अलावा, हाल ही में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुट की अगुवाई में ओली के खिलाफ भड़की नाराजगी को दूर करने के लिए होउ यांकी ने सत्तारूढ़ एनसीपी के कुछ शीर्ष नेताओं से संपर्क किया।

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री व एनसीपी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के होउ के अच्छे ताल्लुकात माने जाते हैं।

नेपाल में सबसे प्रभावशाली राजनयिक मानी जाने वालीं होउ, नेपाली सेनाध्यक्ष जनरल पूर्ण थापा की भी करीबी हैं। 13 मई को होउ ने काठमांडू में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक बड़े समारोह की अध्यक्षता की जिसमें जनरल पूर्ण थापा को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

बीजिंग से पीएलए द्वारा मेडिकल सप्लाई से लदा विमान जब नेपाल पहुंचा तो होउ ने जनरल थापा को मेडिकल सप्लाई सौंपी थी। इसी तरह जब अप्रैल के शुरू में नेपाल को कोविड-19 के शुरुआती संकट का सामना करना पड़ा, तो होउ ने तुरंत चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और नेपाली राष्ट्रपति भंडारी के बीच एक संक्षिप्त टेलीफोनिक मीटिंग की व्यवस्था कर डाली। बाद में एक प्रेस बयान (27 अप्रैल) में चीनी दूतावास ने कहा कि शी ने आश्वासन दिया है कि चीन महामारी के खिलाफ लड़ाई में नेपाली लोगों का पूरा ध्यान रखेगा।

पिछले हफ्ते जब भारतीय मीडिया के एक वर्ग ने नक्शे के विवाद में चीनी राजदूत की भागीदारी के बारे में लिखा तो होउ ने एक जुलाई को प्रमुख नेपाली समाचारपत्रों द राइजिंग नेपाल और गोरखापत्र को लंबा-चौड़ा साक्षात्कार देकर अपना रुख साफ करने का फैसला किया। गोरखापत्र में उन्होंने कालापानी क्षेत्र के मुद्दे को स्पष्ट करते हुए कहा, “मुझे पता है कि कुछ गैर-जिम्मेदार मीडिया समूह हमेशा जनमत को भड़काने की कोशिश करते रहे हैं। कालापानी का मुद्दा भारत और नेपाल के बीच है।” चीनी राजदूत ने संकेत दिया कि विवाद में बीजिंग की कोई भूमिका नहीं है।

युवा चीनी राजनयिक को बड़ी संख्या में नेपाली लोग भी फेसबुक और उनके ट्विटर अकाउंट पर फॉलो करते हैं। हाल ही में जब उन्होंने काठमांडू में एक विशेष फोटो शूट के लिए एक मॉडल के रूप में पोज दिया, तब वह बहुत चर्चा में रहीं। नेपाली राजधानी में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर ली गई तस्वीरें तुरंत स्थानीय और सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।

होउ नेपाल में चीनी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख निर्माण कार्यों की निगरानी भी करती हैं। कई स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण चीन द्वारा काठमांडू और अन्य सुदूरवर्ती जिलों में होउ की देखरेख में किया जा रहा है।

बीजिंग स्थिति विदेश नीति के रणनीतिकारों के सामंजस्य में काम करने वाली होउ को नेपाल में अब तक के सबसे प्रभावशाली चीनी राजनयिकों में से एक माना जा रहा है। वह पाकिस्तान में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।

आईएएनएस

 


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