कौन होता है प्रोटेम स्पीकर और इनको लेकर पक्ष-विपक्ष में क्यों है टकराव?

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नई दिल्ली | राहुल गांधी ने केरल की वायनाड (Wayanad) लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. सोमवार को 18वीं लोकसभा का प्रथम सत्र प्रारंभ होने पर प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) भर्तृहरि महताब ने यह जानकारी दी.

इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के शुरुआती सत्र में ही विपक्ष ने अपना विरोध जताया है. विपक्ष का यह विरोध प्रोटेम स्पीकर को लेकर है. लोकसभा के लिए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनाए गए हैं. कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है.

इंडिया ब्लॉक का कहना है कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ लिया गया निर्णय है. कांग्रेस का कहना है कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था. उनकी वरिष्ठता नजरअंदाज की गई है.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. इसपर कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने भी आपत्ति दर्ज की. उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा यह लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन है. लोकसभा में यह परंपरा रही है कि जो सांसद सबसे अधिक बार निर्वाचित होता है, वही प्रोटेम स्पीकर बनता है.

के. सुरेश ने कहा कि भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद चुनकर आए हैं, जबकि वह 8वीं बार सांसद चुने गए हैं. कांग्रेस ने भी इस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है और इसे संसदीय परंपरा के खिलाफ लिया गया निर्णय कहा.

इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कह चुके हैं कि यह संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का एक और प्रयास है, जिसमें भर्तृहरि महताब (सात बार के सांसद) को कोडिकुन्निल सुरेश की जगह प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है.

उन्होंने कहा कि कोडिकुन्निल सुरेश अपने आठवें कार्यकाल में प्रवेश करेंगे. यह एक निर्विवाद मानदंड है कि अध्यक्ष के विधिवत चुनाव से पहले सबसे वरिष्ठ सांसद सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करता है. के. सुरेश समेत लोकसभा के कई अन्य सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए नियुक्त किया गया है. यह सभी सदस्य लोकसभा सांसदों को शपथ दिलाने में सहयोग करेंगे.

IANS

 


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