क्या होता है पेजर और हिजबुल्लाह क्यों करता है इसका उपयोग?
पेजर जिसे बीपर के नाम से भी जाना जाता है एक छोटा, पोर्टेबल वायरलेस दूरसंचार उपकरण है. इसे मैसेज या अलर्ट प्राप्त करने और मैसेज भेजने के लिए डेवेलोप किया गया था.
वन-वे पेजर केवल मैसेज रिसीव कर सकते हैं, जबकि टू-वे पेजर के माध्यम से मैसेज का उत्तर भी दिया जा सकता है. यानि पेजर के माध्यम से मैसेज भेजा जा सकता है.
पेजर काम करने के लिए रेडियो सिग्नल (रेडियो तरंगों) का इस्तेमाल करता है. जब पेजर पर कोई मैसेज आता है तो वह बीप की ध्वनि करता है. इससे उपयोगकर्ता को पता चलता है कि मैसेज या कोई अलर्ट आया है.
बता दे कि 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में पेजर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था. इसके बाद मोबाइल का युग आया और पेजर कही पीछे छूट गए. इसका इस्तेमाल कम हो गया.
पेजर का इस्तेमाल आमतौर पर डॉक्टर, नर्स और आपातकालीन सेवा कर्मियों द्वारा किया जाता था. पेजर की खास बात यह थी कि इसके माध्यम से तुरंत मैसेज किसी को भी भेजा जा सकता था.
पेजर सेलुलर नेटवर्क (मोबाइल नेटवर्क) पर निर्भर नहीं थे. इसलिए उसे उस दौर में मैसेज भेजने के लिए एक विश्वसनीय संचार माध्यम माना जाता था. फिर जब मोबाइल फोन का जन्म हुआ तो धीरे-धीरे करके संचार का तरीका पूरी तरह बदल गया.
बता दे कि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह अप्रचलित हो चुके पेजर का उपयोग मौजूदा दौर में भी कर रहा है.
पेजर का उपयोग हिजबुल्लाह लड़ाकों द्वारा लोकेशन-ट्रैकिंग से बचने के लिए किया जाता है. इसके माध्यम से हिजबुल्लाह लड़ाके संपर्क में रहते है. हिजबुल्लाह को यह डर रहता है कि उसके सदस्यों की लोकेशन इजराइल ट्रेस (पता न लगा ले) न कर ले.
पेजर को अधिक विश्वसनीय माना जाता है. यही कारण है हिजबुल्लाह इसका इस्तेमाल आज के मोबाइल युग में भी कर रहा है.
लेबनान में पेजरों में हुए विस्फोटों के लिए हिजबुल्लाह इजराइल को जिम्मेदार मान रहा है और उसने कहा है इसका जवाब दिया जाएगा. फिलहाल इजराइल की ओर से इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क