अधिक सोडियम वाले नमक का उपयोग करना घातक, डब्ल्यूएचओ ने चेताया और विकल्प भी बताया

The Hindi Post

नई दिल्ली | अधिक सोडियम वाले नमक का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे लेकर चेताया है. इससे पहले भी डब्ल्यूएचओ ने गाइडलाइन जारी करके बताया था कि एक दिन में औसतन पांच ग्राम नमक ही खाना चाहिए.

सोडियम युक्त नमक के लिए डब्ल्यूएचओ ने नई गाइडलाइन जारी की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह सुझाव भारतीयों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. डब्ल्यूएचओ ने लोगों से कम सोडियम वाले नमक को खाने की अपील की है. गाइडलाइन में खाने में सामान्य टेबल साल्ट की जगह पर पोटेशियम युक्त कम सोडियम वाले नमक के उपयोग की बात कही गई है. यह सिर्फ वयस्कों और स्वस्थ व्यक्तियों के लिए कहा गया है. वहीं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किडनी से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों को सामान्य नमक खाने की सलाह दी गई है.

नमक का इस्तेमाल न ज्यादा करना चाहिए और न ही कम. इसका संतुलित इस्तेमाल करना चाहिए. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, एक दिन में व्यक्ति को मात्र पांच ग्राम नमक खाना चाहिए. वहीं दो ग्राम प्रतिदिन सोडियम की खपत सही होती है. लेकिन भारत में लोग औसतन 10 ग्राम तक नमक को हर दिन खाते हैं. नमक का इस्तेमाल अधिक करने से कई सारी शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी डब्ल्यूएचओ की इस सिफारिश की तारीफ की है. उनका कहना है कि कम सोडियम युक्त नमक खाना भारतीय लोगों के लिए काफी उपयोगी है क्योंकि भारतीय स्वाद के मामले में समझौता करने से अमूमन बचते हैं और इस चक्कर में अधिक नमक का सेवन करते हैं.

बता दें कि अधिक नमक खाना कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है. इससे ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी, हार्ट अटैक, दिल से जुड़ी कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अधिक नमक खाना किडनी, लिवर और खून पर भी असर डालता है. पेट और त्वचा की समस्या, डिहाइड्रेशन और हड्डियों के कमजोर होने की समस्याएं भी होने लगती हैं.

27 जनवरी 2025 को जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक लो सोडियम सॉल्ट सब्सटिट्यूट (एलएसएसएस) नियमित नमक का अच्छा विकल्प है. इनमें सामान्य नमक की तुलना में कम सोडियम होता है और अक्सर इसमें पोटेशियम क्लोराइड भी होता है ताकि सामान्य नमक जैसा स्वाद प्राप्त हो सके.

 

 


The Hindi Post
error: Content is protected !!