एमपॉक्स को लेकर हवाईअड्डे पर हो जांच, विशेष ध्यान देने की जरूरत : बोले एक्सपर्ट

सांकेतिक तस्वीर (पिक्साबे)

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नई दिल्ली | एमपॉक्स वायरस ने अफ्रीका के बाद अब पाकिस्तान में भी दस्तक दे दी है. अफ्रीका के बाहर एमपॉक्स संक्रमण के पुष्ट मामले की रिपोर्ट करने वाला पाकिस्तान दूसरा देश है.

एमपॉक्स वायरस को लेकर अशोक विश्वविद्यालय में अनुसंधान के डीन और भौतिकी और जीव विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. गौतम मेनन ने कहा, “एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. भारत के लिए यह जरूरी होगा कि हवाई अड्डों में प्रवेश करने से पहले यात्रियों में इस बीमारी के लक्षणों की जांच की जाए और जो लोग संक्रमित हो सकते हैं (ऐसी संभावना हो) उन्हें क्वारंटाइन (बाकी लोगों से अलग) कर दिया जाए. उन देशों के यात्रियों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए जहां हाल ही में एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं.”

दरअसल यह वायरस संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में फैल सकता है लेकिन निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से भी यह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में ट्रांसफर हो सकता है. इस रोग के कारण बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े हो जाते हैं जो 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के कहर को देखते हुए इमरजेंसी घोषित कर दी है. डब्‍ल्‍यूएचओ ने बताया है कि कई देशों में इससे जुड़े मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.

इसके साथ ही डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों को अलर्ट रहने का भी निर्देश दिया है ताकि आगे स्थिति और खराब न हो जाए.

गौरतलब है क‍ि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो आमतौर पर किसी के संपर्क में आने से फैलती है. अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा जा चुका है. यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है. इससे शरीर में मवाद से भरे दाने हो जाते हैं.

एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है. यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित बीमारी होती है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई थी. इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई.

आईएएनएस/हिंदी पोस्ट वेब डेस्क

 


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