आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम फैसले में कहा कि आधार कार्ड का इस्तेमाल पहचान स्थापित करने के लिए तो किया जा सकता है पर किसी व्यक्ति की उम्र का निर्धारण इससे नहीं हो सकता. यानि देश की सर्वोच्च अदालत की नजर में किसी व्यक्ति की उम्र निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड वैध दस्तावेज नहीं है.
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की उम्र स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) में उल्लिखित जन्म तिथि से निर्धारित की जानी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र) को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत वैधानिक मान्यता प्रदान की गई है.
कोर्ट ने कहा, “भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने अपने परिपत्र संख्या 08/2023 के माध्यम से, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 20 दिसंबर 2018 को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में कहा है कि आधार कार्ड का उपयोग पहचान स्थापित करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है.”
एक मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आया है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)