चार घंटे चली CWC की बैठक, राहुल गांधी ने की बड़ी घोषणा

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की चार घंटे चली बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. यह फैसला है कि पार्टी कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराएगी.

राहुल गांधी ने कहा, “कांग्रेस कार्यसम‍ित‍ि की बैठक में जात‍िगत जनगणना पर हमारी चर्चा हुई और सबने इसका समर्थन क‍िया. कांग्रेस के मुख्‍यमंत्री भी अपने राज्‍यों में जात‍ि आधार‍ित गणना का काम कराएंगे.”

कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों ने फैसला लिया है कि वे हिमचाल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना कराएंगे. इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है.

राहुल ने आगे कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष ने यह निर्णय लिया है कि हम जाति आधारित गणना को लागू करेंगे. हम BJP पर दबाव बनाकर, उनसे ये काम कराएंगे. अगर ये काम BJP नहीं करती है, तो वे रास्ता छोड़ दें. INDIA गठबंधन की बहुत सारी पार्टियां जाति आधारित गणना का समर्थन करेंगी. एक-दो पार्टियों की राय अलग हो सकती है, लेकिन अधिकतर पार्टियां इसका समर्थन करेंगी.”

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है. “जातिगत जनगणना के बाद विकास का एक नया रास्ता खुलेगा. कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी.”

राहुल ने कहा कि यह धर्म या जाति के बारे में नहीं है. यह गरीब तबके के बारे में है. यह जातिगत जनगणना गरीब लोगों के लिए है. फिलहाल दो भारत हैं. एक अडानी का भारत और दूसरा गरीबों का भारत.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा, “कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों में से 3 मुख्यमंत्री OBC हैं. BJP के 10 मुख्यमंत्रियों में से 1 मुख्यमंत्री OBC हैं और वो भी कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. PM मोदी OBC के लिए काम नहीं करते हैं, वे बस OBC वर्ग का ध्यान भटकाते हैं.”

“PM मोदी देश-दुनिया की बातें करते हैं, लेकिन हिंदुस्तान को चलाने वाले 90 अफसरों में सिर्फ 3 अफसर OBC से हैं और उनका सिर्फ 5% बजट पर कंट्रोल है. वह जहां भी जाते हैं, सिर्फ देश को गुमराह करते हैं.”

राहुल ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना होगी और हिंदुस्तान के गरीबों को उनकी हिस्सेदारी मिलेगी. यह काम कांग्रेस पार्टी करके दिखाएगी.

बता दे कि बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में कराई गई जातिगत जनगणना के आकंड़ें जारी किए थे. इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क


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