पनामा पेपर्स मामला : ईडी ने ऐश्वर्या राय से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की
नई दिल्ली | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से सोमवार को यहां जाम नगर स्थित अपने कार्यालय में पनामा पेपर्स मामले में पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
पनामा पेपर्स के संबंध में फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) का कथित रूप से उल्लंघन करने का खुलासा होने के बाद ईडी ने पूछताछ की है।
प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजकर पनामा मामले केस के सिलसिले में पूछताछ के लिए ऐश्वर्या को तलब किया था। ऐश्वर्या को 20 दिसंबर को ईडी ने दिल्ली दफ्तर में बुलाया गया था, जिस पर ऐश्वर्या राय ईडी के दिल्ली स्थित दफ्तर में पेश हुईं।
एक महिला अधिकारी सहित छह अधिकारियों की टीम ने उनका बयान दर्ज किया। एक सूत्र ने कहा कि ऐश्वर्या से उनके ससुर और बॉलीवुड आइकन अमिताभ बच्चन द्वारा कथित तौर पर शामिल एक फर्म के बारे में 50 सवाल पूछे गए। फर्म को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में निगमित किया गया था।ऐश्वर्या पहले फर्म की निदेशक थीं और फिर एक शेयरधारक बनीं।
पनामा पेपर्स की जांच से जुड़े मामले में ऐश्वर्या राय को ईडी का ये तीसरा समन मिला था। पहले दो मौकों पर वो ईडी के सामने पेश नहीं हुई थीं। दोनों बार उनकी ओर से पनामा पेपर्स मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल के सामने नोटिस के स्थगन की अर्जी दी थी। जिस पर उनको फिर से समन भेजा गया। प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा के तहत उनको समन जारी कर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा।
You know she’s calm when you see she’s trying not touch anything 😂 yes queen safety first ❤️😘 #AishwaryaRai #AishwaryaRaiBachchan
— 𝔸𝕓𝕖𝕝 (@AbelHabessha) December 20, 2021
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हमने उन्हें 20 दिसंबर के लिए बुलाया था। तीसरे समन का पालन करते हुए वह जांच में शामिल हुईं।
पनामा पेपर्स लीक के बाद ईडी (ED) ने फेमा (FEMA) के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें दिखाया गया था कि करों से बचने के लिए कंपनियों को अपतटीय द्वीपों में कैसे स्थापित किया गया था। मामले में ऐश्वर्या और अन्य का नाम सामने आया था।
2016 में पनामा पेपर्स लीक मामला सामने आया था, जिसमें ऐश्वर्या और बच्चन परिवार के सदस्यों का नाम लिया गया था। इस मामले में अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन का भी नाम सामने आया था।
मई 2005 में, कथित तौर पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में एक कंपनी को निगमित किया गया था, जिसमें ऐश्वर्या और बच्चन परिवार के अन्य सदस्य निदेशक थे। जून 2005 में, उनका पद बदल दिया गया और वह कंपनी में शेयरधारक बन गईं।
तीन साल बाद, कंपनी निष्क्रिय हो गई। बाद में, पनामा पेपर्स लीक में उनका नाम सामने आने के बाद मामले की जांच के लिए एक एसआईटी (SIT) का गठन किया गया था। बता दें कि पनामा पेपर्स की दुनियाभर में चर्चा रही थी। भारत में भी इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने इस मामले में जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन किया था।
आईएएनएस