अमेरिका से 104 भारतीयों की वापसी पर संसद में बोले विदेश मंत्री, बताई कई जरुरी बातें

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नई दिल्ली | विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट (वापस भेजना) करने की प्रक्रिया कई सालों से चल रही है और यह कोई नई बात नहीं है.
विदेश मंत्री ने कहा, “यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे है तो उन्हें वापस ले लिया जाए.”
उन्होंने कहा, “हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो.”
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया है. उन्होंने राज्य सभा को यह भी बताया कि महिलाओं और बच्चों पर कोई पाबंदी नहीं (Restraints) होती. उन्होंने कहा, “अमेरिकी एजेंसी ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) ने भारत को बताया कि महिलाओं और बच्चों को डिपोर्टेशन के दौरान restraints (हाथ-पैर बांधकर रखने) में नहीं रखा जाता.”
विदेश मंत्री ने कहा कि 2012 से लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के तहत डिपोर्ट किए जा रहे लोगों को फ्लाइट में restraints (बांधकर) में ले जाया जाता है. जयशंकर ने बताया कि डिपोर्टेशन के दौरान जब यात्री टॉयलेट जाते हैं तो restraints हटा दिए जाते हैं.
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि अवैध तरीकों से विदेश भेजने वाले एजेंट्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी देशों के लिए यह जरूरी है कि वे अवैध प्रवास को हतोत्साहित करें और कानूनी तरीकों से लोगों की आवाजाही को बढ़ावा दें.
बता दें 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों के पहले जत्थे को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर में लैंड हुआ था. 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों में से 33 हरियाणा, 33 गुजरात और 30 पंजाब से है. इन अप्रवासियों में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग है.
निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं जिनमें सबसे कम उम्र का यात्री सिर्फ चार साल का है. 48 लोग 25 साल से कम उम्र के है.
मंगलवार को टेक्सास से उड़ान भरने वाले इस अमेरिकी विमान में 11 चालक दल के सदस्य और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करने वाले 45 अमेरिकी अधिकारी भी सवार थे.
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, भारत से लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं. मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अनधिकृत अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी भारतीय लोगों की है.