कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, इस बार तेजस ने तोड़ा दम
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है. कूनो नेशनल पार्क में अब तक 4 चीतों और 3 शावकों की मौत हो चुकी है.
वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि नर चीता तेजस की केएनपी बाड़े के भीतर एक अन्य चीते के साथ लड़ाई में मौत हो गई. हालांकि मौत का कारण पोस्टमॉर्टेम हो जाने के बाद पता चलेगा.
कूनो नेशनल पार्क में मॉनिटरिंग टीम को मंगलवार सुबह 11 बजे नर चीता ‘तेजस’ घायल अवस्था में मिला था. उसकी गर्दन पर घाव के निशान थे.
एक्सपर्ट की टीम, तेजस को बाड़े से निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल ले गई. इलाज के दौरान ही तेजस ने दम तोड़ दिया. ये बात दोपहर लगभग 2 बजे की है.
तेजस को लगी चोटों का पता लगाया जा रहा है. पोस्ट मॉर्टम के बाद मौत के कारणों का पता चल पाएगा.
मध्य प्रदेश के वन विभाग ने एक बयान में कहा, “तेजस को लगी चोटों का कारण जानने के लिए जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण पता चलेगा.”
तेजस की मौत श्योपुर जिले के केएनपी में दो और चीतों को जंगली बाड़े में छोड़े जाने के एक दिन बाद हुई है.
मध्य प्रदेश में 20 अफ्रीकी चीतों के आने के बाद से केएनपी में अब तक तेजस सहित कुल सात चीतों की मौत हो चुकी है. इसमें तीन शावक भी शामिल है.
बता दें कि 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था. इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से लाए गए 12 और चीतों को कूनो पार्क में छोड़ा गया था. यानी कुल मिलाकर 20 चीते लाए गए थे.
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए कुल 20 चीतों में से अब तक चार दम तोड़ चुके हैं. नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था. इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई है.
कूनो नेशनल पार्क में सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी. शासा कूनो नेशनल पार्क मौसम में ढल नहीं पाई और बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई. अब सिर्फ 16 चीते ही बचे हैं.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)