लखनऊ | जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की बेटी ने अपनी मां संगीता सेंगर के साथ हुए कथित अन्याय पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो बयान जारी किया है। विधायक की बेटी ने वीडियो में अपना नाम नहीं बताया है। उन्होंने कहा, “किसी भी मामले में, नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता – क्या फर्क पड़ता है अगर मेरा उपनाम सेंगर है।”
उनकी मां, संगीता सेंगर को पहले उन्नाव में पंचायत चुनाव के लिए भाजपा द्वारा टिकट दिया गया था, लेकिन बाद में मीडिया द्वारा इस पर सवाल उठाए जाने के बाद उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो पोस्ट करते हुए हिंदी में अपनी बात रखी और उनकी मां की उम्मीदवार रद्द किए जाने के फैसले पर कई सवाल दागते हुए पूछा है कि आखिर उनकी मां और उनके परिवार की क्या गलती है, जो उनका टिकट ग्राम पंचायत चुनाव में काट दिया गया।
Stop reducing women’s identity to their relationship to men. #WomenInPolitics #PanchayatElections2021 #SpeakUp pic.twitter.com/n7LPcyTPgf
— Aishwarya Sengar (@SengarAishwarya) April 15, 2021
उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या उनके परिवार को हमेशा अन्याय सहना पड़ेगा। वीडियो में पूर्व विधायक की बेटी ने कहा, “मेरा नाम क्या है इससे शायद अब फर्क ही नहीं पड़ता, लेकिन मेरा सरनेम सेंगर है। पिछले तीन साल से मेरे परिवार पर अन्याय पर अन्याय किया जा रहा है। मेरी मां संगीता सेंगर पिछले 15 वर्षों से उन्नाव में जिला पंचायत सदस्य हैं। सक्रिय राजनीति का हिस्सा रही हैं। ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपना हर दायित्व निभाती आ रही हैं। इसी कारण सभी सदस्यों द्वारा उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुना गया। आज एक महिला नेता की योग्यता, उनका अनुभव, उनकी मेहनत को ताक पर रख दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि इस देश में महिलाओं के लिए आरक्षण तो तय कर दिया गया है, लेकिन जब वो चुनाव के लिए आगे आती हैं तो उनके पिता और पति कौन हैं, ये क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है? क्या एक औरत की योग्यता किसी की बीवी या बहन होने से कम हो जाती है? उसकी खुद की कोई पहचान नहीं?
पूर्व विधायक की बेटी ने वीडियो के माध्यम से अपनी मां का पक्ष रखते हुए सवाल पूछा, “आपसे सिर्फ अपनी मां की गलती पूछना चाहती हूं। वो दागी कैसे हुईं। क्या मुझे और मेरी मां को सम्मान से जीने का अब हक नहीं है। आज बोल रही हूं, क्योंकि एक बार अन्याय को फिर से चुपचाप सुन लिया तो शायद जमीर जिंदा रहना न गंवारा करे।”
बता दें कि नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुलदीप सेंगर तिहाड़ जेल में है।
उसके परिवार का उन्नाव में काफी प्रभाव है और इसे अपने समुदाय की सहानुभूति भी प्राप्त है, जो मानता है कि पूर्व विधायक को मामले में झूठा फंसाया गया है।
जेल में उम्रकैद की सजा पाए कुलदीप सेंगर को पिछले साल फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।
आईएएनएस