भारत ने उच्चायोग के 2 अफसरों के उत्पीड़न पर पाकिस्तान से विरोध दर्ज कराया

(फाइल फोटो/आईएएनएस)

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नई दिल्ली: भारत ने अपने उच्चायोग के दो अधिकारियों के अपहरण और उन्हें यातना देने पर मंगलवार को पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए विरोध दर्ज कराया और इस घटना को देशों द्वारा हस्ताक्षरित वियना राजनयिक संधि और दोनों देशों के बीच हुई द्विपक्षीय संधियों का उल्लंघन बताया। भारत सरकार ने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्लामाबाद में दो अधिकारियों के अपहरण और प्रताड़ना के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के चार्ज डी’अफेयर (सीडीए) हैदर शाह को तलब किया और कहा कि पाकिस्तान का इस तरह एकतरफा कार्रवाइयों का मकसद तनाव भड़काना है लेकिन इससे पाकिस्तान की भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण हरकतों और सीमापार आतंकवाद को समर्थन देने पर पर्दा नहीं डाला जा सकता।

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने अगवा कर बंदी बना लिया और सोमवार को 10 घंटे से अधिक समय तक अवैध हिरासत में रखने के बाद रिहा किया। अधिकारियों को इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग और दिल्ली में विदेश मंत्रालय द्वारा सख्त हस्तक्षेप के बाद ही रिहा किया गया।

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में, सरकार ने कहा कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने दो भारतीय अधिकारियों से पूछताछ की, अत्याचार और शारीरिक हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।

बयान में कहा गया है कि अधिकारियों का वीडियो बनाया गया और झूठे आरोपों को स्वीकार करने के लिए उन पर दबाव डाला गया। उच्चायोग के जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे, उसे बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त किया गया।

बयान में कहा गया, “पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से यह पूर्व निर्धारित, गंभीर और उत्तेजक कार्रवाई, पिछले कई दिनों से भारतीय उच्चायोग के कर्मियों की गहन निगरानी, उत्पीड़न और धमकी के बाद हुई है जिसका मकसद इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के सामान्य कामकाज में बाधा डालना है। पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उच्चायोग के अधिकारियों पर मनगढ़ंत आरोप लगाने के प्रयास को पूरी तरह से खारिज किया जाता है।”

आईएएनएस

 


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