SC ने बीजेपी नेताओं – अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के खिलाफ FIR करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से भाजपा नेताओं – अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ उनके कथित नफरती बयानों/भाषणों के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा.
ये याचिका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता बृंदा करात ने दायर की थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा ठाकुर और वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज किए जाने के बाद बृंदा करात ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था.
जनवरी 2020 में एक रैली के दौरान, अनुराग ठाकुर को “देश के गद्दारों को” चिल्लाते हुए सुना गया था और भीड़ ने “गोली मारो सालों को” बोलकर इसका जवाब दिया था.
परवेश वर्मा ने अपने भाषण में कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग में इकट्ठा हुए “लाखों प्रदर्शनकारी” उनके घरों में घुसकर “उनकी बहनों और बेटियों का रेप करेंगे और उन्हें मार डालेंगे”.
इसके तुरंत बाद, उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में दंगे भड़क उठे थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल जून में माकपा नेताओं – बृंदा करात और केएम तिवारी की याचिका को खारिज कर दिया था. यह याचिका अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ उनके कथित नफरती भाषणों के लिए दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
ट्रायल कोर्ट के समक्ष, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि भाजपा नेताओं ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो अलग-अलग स्थानों पर फायरिंग की तीन घटनाएं हुई थी.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)