मॉल में नंगे पांव पहुंचे कांवड़ियों को एंट्री न देने पर विवाद, भाजपा ने …

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रांची | रांची के एक मॉल में कुछ लोग नंगे पांव पहुंच गए. नंगे पैर होने की वजह से उन्हें मॉल में प्रवेश करने से रोका गया. अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है. जिन लोगों को मॉल के प्रोटोकॉल का हवाला देकर घुसने से रोका गया वे लोग देवघर स्थित बाबा धाम की कांवर यात्रा के बाद रांची लौटे थे.

उनका कहना है कि कांवरिया वेशभूषा में होने की वजह से उन्हें रोका गया.

रोके गए कांवरियों में से एक सुशांत चौबे ने कहा कि वे लोग देवघर से पैदल कांवर यात्रा पूरी तरह लौटे थे. रास्ते में ‘मॉल ऑफ रांची’ दिखा तो वे जरूरत का सामान और जूता-चप्पल खरीदने के लिए अंदर जाने लगे. इस पर उन्हें पहले गार्ड ने रोक दिया. इसके बाद मैनेजर ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और कहा कि नंगे पांव आए लोगों को एंट्री नहीं दी जा सकती.

इसको लेकर काफी देर तक दोनों पक्षों के बीच बहस होती रही. झारखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना पर विरोध जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मॉल प्रबंधन द्वारा शिव भक्तों को मॉल के अंदर प्रवेश करने से रोकना खेदजनक है. रांची के उपायुक्त मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें.”

भारतीय जनता पार्टी की झारखंड इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी इस घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है.

उन्होंने कहा कि शिव भक्तों और सनातनियों का जानबूझकर अपमान किया गया. उनकी वेशभूषा पर सवाल उठाए गए और उन्हें रोका गया. उन्होंने मॉल ऑफ रांची के मालिक और संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

उन्होंने कहा कि मॉल प्रबंधन को इस मामले में माफी मांगनी होगी.

इस बीच मॉल के मैनेजर नीतीश अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि इन कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए मॉल में इंट्री नहीं दी गई. ये लोग फर्श पर फिसल सकते थे. मॉल के प्रोटोकॉल में इसका विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है. हालांकि बाद में उन्हें प्रवेश दे दिया गया था.

आईएएनएस

 


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