अपने ही देश में विरोध झेल रहे राष्ट्रपति पुतिन, देशवासियों से साथ देने का किया आग्रह
नई दिल्ली | यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जहां पश्चिमी देशों ने उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है, वहीं देश के भीतर इस हमले के विरोध और कुलीन तंत्र के बागी सुरों को भांपते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने उनसे अपनी कार्रवाई का समर्थन करने का आग्रह किया है। डेली मेल ने यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार “पुतिन ने क्रेमलिन में अपने संबोधन में कहा कि रूस को यूक्रेन के खिलाफ मजबूरी में कदम उठाना पड़ा है और ऐसा करने के अलावा उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। देश वैश्विक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बना रहना चाहता है और हम जिस प्रक्रिया का हिस्सा हैं उसे नुकसान नहीं पहुचांएगे। मैं आप लोगों से सरकार के साथ एकजुटता दिखाने का आग्रह करता हूं।”
उनका यह भाषण बाद में आया है जब उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गुरुवार सुबह लगभग 5 बजे हमला करने का आदेश दिया। उनके आदेश के बाद यूक्रेन की तरफ रॉकेट दागे गए और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने कहा था कि इस दौरान 100 से अधिक छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। इस कार्रवाई में 75 बमवर्षक विमानों का सहारा लिया गया जिन्होंने यूक्रेन की सैन्य कमान संरचना, बैरक, गोदामों और हवाई क्षेत्रों सहित सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।
रिपोर्ट में रूस के हवाले से कहा गया है कि इन हमलों ने 74 यूक्रेनी सैन्य ठिकानों, 11 हवाई क्षेत्रों, तीन कमांड पोस्ट और 18 रडार स्टेशनों को नष्ट कर दिया।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यह हमले का केवल एक ‘शुरूआती चरण’ था और मोर्चे पर रूस के 1,90,000 सैनिकों में से अधिकांश रिजर्व में हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, हमले का लक्ष्य ‘प्रमुख यूक्रेनी केंद्रों पर कब्जा करना’ और ‘यूक्रेनी सरकार को पंगु करना’ है।
आईएएनएस