दिग्गज आदिवासी नेता ने भाजपा छोड़ी, थामा कांग्रेस का हाथ, बोले – अब यह अटल जी के दौर की भाजपा नहीं रही
रायपुर | भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने मजदूर दिवस के दिन पार्टी को बाय-बाय कहते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. पार्टी बदलने के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए साय ने कहा कि अब भाजपा अटल बिहारी बाजपेयी के दौर की पार्टी नहीं रही.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक समारोह में साय ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई.
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आदिवासी नेता साय के आने से पार्टी के नेता गदगद हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय को आदिवासियों और गरीबों के लिए संघर्ष करने वाला नेता बताया. वहीं साय ने कहा कि यह निर्णय उनके लिए जीवन का बहुत कठिन निर्णय है. जनसंघ के समय से वे और उनका परिवार भाजपा में रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ उन्होंने काम किया है और अटल जी को फॉलो करते रहे हैं.
नंदकुमार साय तीन बार विधायक, तीन बार लोकसभा सदस्य और दो बार राज्यसभा सदस्य तो रहे हैं, साथ ही में अविभाजित मध्यप्रदेश की भाजपा इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने कहा अटल-आडवाणी के दौर में जो भाजपा थी आज उस रूप में पार्टी नहीं है परिस्थितियां बदल चुकी हैं.
ज्ञात हो कि नंदकुमार साय ने रविवार को इस्तीफा दे दिया था उसके बाद से उन्हें मनाने का प्रयास लगातार पार्टी की ओर से किए जा रहा था. पर बात नहीं बनी.
आईएएनएस