लखीमपुर हिंसा मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका
लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार (26 जुलाई) को, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (अक्टूबर 2021) में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की लखनऊ पीठ ने यह फैसला सुनाया. अदालत के आदेश में कहा गया हैं कि आशीष मिश्रा जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
आशीष मिश्रा की कार उस काफिले का हिस्सा थी, जिसने पिछले साल लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे चार किसानों सहित आठ लोगों को कुचल दिया था. आशीष हत्या और साजिश के मामले में मुख्य आरोपी हैं.
लखनऊ बेंच ने इसी साल फरवरी में आशीष को जमानत दी थी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में जमानत के आदेश (लखनऊ बेंच द्वारा दी गई जमानत) को रद्द कर दिया था और पीड़ित पक्ष को पर्याप्त अवसर देने के बाद हाईकोर्ट को उनकी जमानत याचिका पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था.
हाईकोर्ट ने मई में सह-आरोपी लवकुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
मामले की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जनवरी में कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के विरोध स्थल पर पैदा हुई अशांति एक ‘पूर्व नियोजित साजिश’ थी और न कि लापरवाही का परिणाम.
एसआईटी ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ करीब 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.
एसआईटी ने राज्य सरकार को आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने की भी सिफारिश की थी. इसमें कहा गया था कि “वह एक प्रभावशाली व्यक्ति है और जमानत पर रहते हुए सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है.”
हालांकि, राज्य सरकार ने जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी थी. इसलिए पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी जिसपर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी.
आईएएनएस