दिल्ली में हैवानियत का शिकार बने नाबालिग बच्चे की मौत, अस्पताल में जिंदगी और मौत के जूझ रहा था मासूम, सभी आरोपियों की उम्र 10 से 12 साल के बीच

सांकेतिक तस्वीर

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नई दिल्ली | उत्तर पूर्वी दिल्ली में कुकर्म का शिकार बना 10 वर्षीय लड़का अब इस दुनिया में नहीं है. उसका आज शनिवार को निधन हो गया. उसके साथ गंदी हरकत करने वाले और कोई नहीं बल्कि उसके तीन नाबालिग दोस्त है.

अप्राकृतिक यौनाचार के कारण पीड़ित बच्चे के शरीर पर गंभीर चोटे आई थी. इन चोटों के चलते उसकी जान चली गई. पुलिस ने दो आरोपितों को हिरासत में लिया है, जबकि तीसरा फरार है. तीनों आरोपी मृतक की उम्र के है और उसके दोस्त है.

पकड़े गए दो लोगों में से एक को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष भी पेश किया गया था.

एक अधिकारी के अनुसार, हालांकि यह घटना 18 सितंबर को हुई थी, लेकिन 22 सितंबर को एलएनजेपी अस्पताल से सूचना मिली थी कि करीब 10 साल की उम्र के एक लड़के को अप्राकृतिक यौनाचार के चलते भर्ती कराया गया है.

पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर जिला) संजय कुमार सेन ने कहा, “तुरंत पुलिस की एक टीम अस्पताल पहुंची और बच्चे के माता-पिता से मिली, लेकिन उन्होंने कोई बयान देने से इनकार कर दिया.”

डीसीपी ने कहा कि परिवार ने 24 सितंबर तक बयान नहीं दिया, जबकि जांच अधिकारी लगातार उनके संपर्क में रहा.

24 सितंबर को पुलिस द्वारा NGO ‘सखी’ से काउंसलर की व्यवस्था की गई और घायल बच्चे की मां की काउंसलिंग की गई. इसके बाद, बच्चे की मां कुछ बताने को तैयार हुई.

डीसीपी ने कहा, “काउंसलिंग करने के बाद बच्चे की मां ने खुलासा किया कि तीन दिन पहले यानी 18 सितंबर को उनके बेटे के साथ उसके तीन दोस्तों ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था और दुष्कर्म किया था.”

तदनुसार, पुलिस ने पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के साथ पठित भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की और घटना की जांच शुरू कर दी.

जांच के दौरान सामने आया कि पीड़ित लड़का और आरोपी लड़के पड़ोसी और दोस्त थे और वे एक ही उम्र के हैं यानी 10-12 साल के.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आरोपियों में से एक पीड़ित का रिश्तेदार (चचेरा भाई) हैं. साथ ही, वे एक ही समुदाय से हैं और न्यू सीलमपुर झुग्गी के निवासी हैं.”

इस घटना को सबसे पहले दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उठाया था.

घटना का संज्ञान लेते हुए, मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को एक नोटिस में कहा कि शिकायतकर्ता ने बताया है कि 18 सितंबर को तीन लोगों ने उनके बच्चे के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके निजी आंग में रॉड डाल दी.

डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने प्राथमिकी की प्रति के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गई विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट की मांग की है.

आईएएनएस


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