पहलवान बजरंग पुनिया पर लगा 4 साल का प्रतिबंध, क्या है यह मामला?, बजरंग की प्रतिक्रिया भी आई सामने
सोनीपत | नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानि नाडा ने पहलवान बजरंग पूनिया को चार साल के लिए निलंबित कर दिया है. नाडा ने आरोप लगाया है कि बजरंग पुनिया ने डोप टेस्ट के लिए सैंपल (यूरिन सैंपल) देने से मना कर दिया था. इस कारण उन को निलंबित किया गया है. अब इस पर बजरंग पुनिया ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह फैसला निष्पक्ष नहीं है. बल्कि मेरे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है.
बजरंग ने कहा, “यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है. मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था. उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया. NADA की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी. यह एक गंभीर लापरवाही थी, और मैंने केवल यह आग्रह किया कि एक वैध और मान्य किट के साथ परीक्षण किया जाए. यह मेरे स्वास्थ्य और करियर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक था. लेकिन, इसे जानबूझकर मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया.”
“भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है. यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि मेरे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है.”
बजरंग ने आगे कहा, “NADA की इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहें है. इस प्रतिबंध के पीछे का असली मकसद मुझे चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज उठाने से रोकना है.”
“मैं यह स्पष्ट कर दूं कि चाहे मुझे जिंदगीभर के लिए निलंबित कर दिया जाए, लेकिन मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करूंगा. यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, हर उस खिलाड़ी की है जिसे सिस्टम ने चुप कराने की कोशिश की है. मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगा और अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा.”
उल्लेखनीय है कि बजरंग पुनिया भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक हैं. उन्होंने विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं.
उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर 2013 में नई दिल्ली में हुई एशियाई चैंपियनशिप से शुरू हुआ था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए. उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस