यूनिफॉर्म सिविल कोड और वन नेशन वन इलेक्शन पर क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी?

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नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात कही. उन्होंने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भी अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री ने राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद समाप्त करने और 1 लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही जिनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो.

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, “देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और इसमें सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर के हम जी रहे हैं वह सिविल कोड एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. भेदभाव करने वाला सिविल कोड है.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं उनका कोई स्थान नहीं है. हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है.”

आगे बोले, “मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर देश में व्यापक चर्चा हो. हर कोई अपने विचार साझा करे. उन कानूनों को जो धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं उनका आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता.”

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं तो कहूंगा कि अब समय की मांग है कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो. हमने एक कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं. अब हमें सेकुलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं उससे हमें मुक्ति मिलेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात भी लाल किले की प्राचीर से कही.

उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं. हर 3 महीने 6 महीने बाद चुनाव होते हैं. हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया जाता है.

प्रधानमंत्री बोले, “मैं देश के सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए हमें आगे आना चाहिए.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क

 


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