वाराणसी कोर्ट ने खारिज की ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका
वाराणसी | वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (वैज्ञानिक परीक्षण) का कार्य नहीं होगा. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
कोर्ट के इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हिन्दू पक्ष ने कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया हैं .
हिंदू याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे इस फैसले का अध्ययन करेंगे और फिर तय करेंगे कि उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना है या नहीं.
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि 16 मई को सर्वेक्षण कार्य के दौरान मस्जिद के ‘वुज़ू खाने’ या जलाशय में पाया गया ‘शिवलिंग’ संपत्ति का हिस्सा था.
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग जैसी संरचना की कार्बन डेटिंग और अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों को कराने की मांग की थी.
कार्बन डेटिंग क्या है?
कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो पुरातात्विक वस्तुओं या पुरातात्विक खोजों की उम्र का पता लगाती है.
ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर कार्बन डेटिंग याचिका का विरोध किया था. पिछले महीने, पांच हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं में से चार ने ‘शिवलिंग’ की “वैज्ञानिक जांच” की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी.
उन्होंने तर्क दिया कि इसकी उम्र निर्धारित करना आवश्यक हैं. महिलाओं ने दावा किया है कि मस्जिद के अंदर हिंदू देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हैं.
मस्जिद समिति ने वैज्ञानिक जांच पर आपत्ति जताते हुए तर्क दिया था कि मामला मस्जिद के अंदर एक दरगाह पर पूजा करने का था और इसका इसकी संरचना से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने तर्क दिया था कि जिस वस्तु को ‘शिवलिंग’ कहा जा रहा है, वह वास्तव में एक “फव्वारा” है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)