CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के बाद अमेरिका ने भी दी प्रतिक्रिया, भारत ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी थी. इस पर फिर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी थी. गुरुवार को अमेरिका ने इसी बात को फिर से दोहराया. इस पर भी भारत ने प्रतिक्रिया दी है.
भारत ने गुरुवार को इसे ‘अनुचित’ बताते हुए कहा कि चुनावी और कानूनी प्रक्रिया पर इस तरह का कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
अमेरिका ने मांग की थी कि भारत सरकार – अरविंद केजरीवाल को “निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया” उपलब्ध करवाए.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने यह बात बुधवार को कही थी. इसके बाद भारत ने अमेरिकी राजनयिक को तलब करते हुए इन टिप्पणियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ”कल (बुधवार) भारत ने अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणियों के संबंध में अपनी कड़ी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया था.”
एक सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा, “विदेश विभाग की हालिया टिप्पणियां अनुचित हैं. हमारी चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर ऐसा कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य है.”
उन्होंने आगे कहा कि भारत में कानूनी प्रक्रियाएं कानून के शासन से ही संचालित होती हैं. भारत को अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है. हम उन्हें किसी भी प्रकार के अनुचित बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
जायसवाल ने कहा, “आपसी सम्मान और समझ अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नींव बनाती है और देशों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की उम्मीद की जाती है.”
दिल्ली में अमेरिकी मिशन की कार्यवाहक उप-प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना के साथ विदेश मंत्रालय के साउथ ब्लॉक कार्यालय में बैठक 45 मिनट तक चली थी. इसमें भारत ने आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल पर अमेरिकी रुख को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी.
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के बाद CM केजरीवाल तीसरे AAP नेता हैं जिन्हें कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में ED ने गिरफ्तार किया है.
इससे पहले, भारत ने जर्मन दूतावास के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया था और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर की गई टिप्पणियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि जर्मनी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान दिया था.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस