दर्दनाक घटना: खेल-खेल में बच्चे ने लगाई फांसी, दृष्टिबाधित मां नहीं कर सकी मदद
यूपी के जालौन में दर्दनाक घटना घट गई है. यहां 13 साल के एक बच्चे की जान प्रैंक (मजाक/खेल-खेल में) के चलते चली गई.
दरअसल बच्चा सुसाइड प्रैंक कर रहा था. उसका पैर टेबल से खिसक गया, जिसकी वजह से फांसी लग गई और उसकी मौत हो गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना जालौन जिले के उरई की है. मृतक बच्चे की मां संगीता (50) ने कहा कि अगर भगवान ने मेरी दृष्टि नहीं छीनी होती तो मैं अपने बच्चे को बचा लेती. मेरे सामने उसकी मौत हो गई और मैंक कुछ नहीं कर पाई.
संगीता अपने पति खेम चंद्र के साथ उरई की कांशीराम कॉलोनी में रहती है. यहां उनका बेटा जस (13) अपने भाई अपने छोटे भाई-बहन यश (9), महक (7) और आस्था (5) के साथ खेल रहा था. जबकि उसकी मां संगीता दूसरे कमरे में सो रही थी. पिता खेम चंद्र (54) घर पर नहीं थे.
पुलिस ने बताया कि सुसाइड प्रैंक करने के लिए जस स्टूल पर चढ़ा और गले में फंदा लगा दिया. इस दौरान स्टूल गिर गया और वो लटक गया. उसके मुंह से खून निकलने लगा. यह देख कर बच्चे घबरा गए. उनको पहले तो लगा कि प्रैंक हो रहा है. थोड़ी देर बाद उन्हें समझ आया कि कुछ गलत हो गया है.
उन्होंने मां संगीता को जगाया. उन्होंने रस्सी काटने के लिए चाकू जैसी चीज ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन उनकी दृष्टि जन्म से ही नहीं थी. इसलिए वह देख नहीं सकी और जस को बचाने में नाकाम रही.
शोर सुनकर पड़ोस के लोग घर आ गए और जस को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क