ट्रेन हादसा : इतने ज्यादा शव कि बनाना पड़ा अस्थायी शवगृह
भुवनेश्वर | शुक्रवार को बालासोर में हुए भयानक ट्रेन हादसे के बाद ओडिशा सरकार ने शनिवार को शहर के बाहरी इलाके में स्थित नॉर्थ उड़ीसा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एनओसीसीआई) के बिजनेस पार्क में एक अस्थायी मुर्दाघर बनाया है. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी.
अधिकारी ने कहा कि एनओसीसीआई के 40,000 वर्ग फुट एक्सपो हॉल को मुर्दाघर में बदल दिया गया है जहां अज्ञात शवों को रखा जाएगा.
यह स्थान बालासोर जिले के बहानागा रेलवे स्टेशन के पास दुर्घटनास्थल से करीब 15 किमी दूर है.
बालासोर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) सुचारु बल ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हमने एनओसीसीआई में एक शवगृह स्थापित किया है. शवों को बर्फ के बेड पर संरक्षित किया गया है. बर्फ के स्लैब वाले पर्याप्त बेड हैं. यहां अज्ञात शवों को रखा गया है.”
उन्होंने कहा कि अब तक 55 शवों की पहचान हो चुकी है. इसके बाद शवों का पोस्टमार्टम करा के परिजनों को सौंप दिया गया है.
एडीएम ने बताया कि बाकि के शवों में से 27 का पोस्टमार्टम होने के बाद उन्हें स्थानीय अस्पतालों के मोर्चरी में भिजवा दिया गया है.
सुचारु बल ने कहा कि शेष शवों को पहचान के लिए भानगा हाईस्कूल में रखा गया है. इस हाईस्कूल को भी अस्थायी शवगृह में बदल दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अज्ञात शवों को बहानगा हाईस्कूल से एनओसीसीआई के अस्थायी शवगृह में स्थानांतरित किया जाएगा.
सुचारु बल ने कहा, “चूंकि अधिकांश मृतक पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे अन्य राज्यों से हैं, इसलिए शिनाख्त की प्रक्रिया मुश्किल हो गई है.”
मामूली रूप से घायल हुए यात्रियों में से लगभग आधे यात्रियों को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है. लगभग 418 घायल यात्रियों का गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक, सोरो और कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.
अधिकांश घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. गंभीर रूप से घायल मरीजों को ही एससीबी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है. यह मेडिकल कॉलेज बालासोर से करीब 173 किमी दूर है.
अधिकारियों ने कहा कि 100 से अधिक मेडिकल टीमों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ और दवाएं दुर्घटनास्थल पर भेजी गई हैं, जबकि 200 एंबुलेंस घायलों को अस्पतालों में लाने के लिए लगी हुई हैं.
इसके अलावा, फंसे हुए यात्रियों के लिए 30 बसें लगाई गई हैं.
आईएएनएस