कभी एक ही पार्टी में थे ये नेता, अब एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं लोक सभा का चुनाव

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देश में इस समय लोक सभा चुनाव हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की भी कुछ सीटों पर वोट पड़ चुके हैं. यहां कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला हैं और कई अन्य सीटों पर काटें की टक्कर हैं.

इन चुनावों की खास बात यह हैं कि यहां (यूपी) में दोस्त दुश्मन बन गए हैं और अब लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.

इन नेताओं की दोस्ती उन दिनों की है जब वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य थे, लेकिन बसपा से बाहर होने के बाद, वे अलग-अलग पार्टियों में शामिल हो गए और अब एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं.

अंबेडकर नगर से मौजूदा बीएसपी सांसद रितेश पांडे बीजेपी में शामिल हो गए हैं और अब वह यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के लालजी वर्मा हैं.

करीब दो साल पहले तक लालजी वर्मा बसपा में मायावती के बाद सबसे अहम नेताओं में से एक थे. वह विधायक दल के नेता थे और मायावती के सबसे भरोसेमंद सिपहसालारों में से एक थे.

पर लालजी वर्मा को अचानक पार्टी से क्यों निकाल दिया गया गया था इसकी जानकारी नहीं हैं. बाद में वह सपा में शामिल हो गए थे और उन्होंने कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. वह जीत भी गए थे.

सपा ने अब उन्हें अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है जहां उनका मुकाबला रितेश पांडे से है.

ऐसी ही स्थिति जौनपुर (यूपी) में देखने को मिल रही है जहां बसपा के पूर्व नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

बसपा में रह चुके बाबू सिंह कुशवाह का पार्टी में रुतबा था. बाद में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी छोड़ दी थी और अब वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

उनके खिलाफ मौजूदा बसपा सांसद श्याम सिंह यादव मैदान में हैं. अब बाबू सिंह कुशवाह का मुकाबला श्याम सिंह यादव से है. दोनों की पृष्ठभूमि बसपा की होने के बावजूद वे एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं.

Reported By: IANS
Edited By: Hindi Post Web Desk

 


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