शिवराज सिंह चौहान ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख अपील की “…. क्षमा करने की कृपा करे”
बीते दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दो पदाधिकारियों ने एक बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए जज की गाड़ी की चाबी छीन ली थी. दरअसल, छात्रों ने हार्ट अटैक से पीड़ित कुलपति रणजीत सिंह की जान बचाने के लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी जज की कार की चाबी छीन ली थी. पर ऐसा करके भी ABVP के ये पदाधिकारी कुलपति की जान नहीं बचा पाए थे. इस मामले में पुलिस ने दोनों के खिलाफ डकैती का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को पत्र लिख ABVP पदाधिकारियों के लिए माफी मांगी है. जानकारी के अनुसार, एबीवीपी ग्वालियर के सचिव 22 वर्षीय हिमांशु श्रोत्रिय और उप सचिव 24 वर्षीय सुकृत शर्मा को माफ कर देने की अपील शिवराज सिंह चौहान ने की है. दोनों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. बुधवार को दोनों छात्रों की जमानत खारिज कर दी गई. फिलहाल दोनों जेल में है.
शिवराज सिंह चौहान ने अपने पत्र में लिखा –
“महोदय, प्रणाम.
समाचार पत्रों के माध्यम से एक प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है जिस पर मैं आपका ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं. निजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रणजीत सिंह जी का दिल्ली से झांसी जाते समय ट्रेन में अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया और उनके साथ यात्रा कर रहे कुछ छात्रों ने उन्हे इलाज हेतु ग्वालियर स्टेशन पर उतारा और रेलवे स्टेशन के बाहर छात्रों ने न्यायाधीश की कार का उपयोग चाबी छीन कर किया जिससे कुलपति को अस्पताल पहुंचाकर उन्हें शीघ्र चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें. हालांकि बाद में अस्पताल में कुलपति जी को नहीं बचाया जा सका और इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा चोरी एवं डकैती की धाराओं के अंतर्गत दो छात्रों पर प्रकरण दर्ज कर लिए गए.
महोदय, चूंकि यह एक अलग तरह का मामला है जिसमें पवित्र उद्देश्य के साथ अपराध किया गया है. इस मामले में दोनों छात्र हिमांशु और सुकृत ने मानवीय आधार पर सहयोग एवं जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध किया है. छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था. चूंकि यह एक अपराध है, लेकिन क्षमायोग्य कृत्य भी है. अतः मेरा निवेदन है कि, माननीय उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान लेकर दोनों छात्रों के भविष्य को देखते हुए दर्ज प्रकरण को वापस लेकर छात्रों को क्षमा करने की कृपा करें.”
सादर
शिवराज सिंह चौहान
वहीं डकैती मामलों के विशेष न्यायाधीश संजय गोयल ने दोनों छात्रों को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि कोई व्यक्ति विनम्रता से मदद मांगता है, ताकत से नहीं. न्यायाधीश ने घटना में पुलिस डायरी का हवाला देते हुए कहा कि एक एंबुलेंस, जो ऐसे उद्देश्यों के लिए ही बनी है, बीमार व्यक्ति को ले जाने के लिए मौके पर पहुंची थी.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क