बांग्लादेश में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर शेख हसीना की प्रतिक्रिया आई, क्या बोली?
नई दिल्ली | बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए उनकी तुरुंत रिहाई की मांग की है. उन्होंने कार्यवाहक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है.
आवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना ने कहा, “सनातन धर्म के एक शीर्ष नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है. उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया. इससे पहले अहमदिया समुदाय के मस्जिदों, दरगाहों और चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई. सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.”
आपको बता दे कि चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार (25 नवंबर) को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था.
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लगे है.
मंगलवार को चिन्मय कृष्णा दास को कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया था. जज ने उनकी जमानत याचिका कर दी थी और उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था.
पूर्व पीएम शेख हसीना ने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “वर्तमान सत्ताधारी दल सभी क्षेत्रों में नाकाम दिख रहा है. वह दैनिक जरूरतों की कीमतों को नियंत्रित करने, लोगों के जीवन की सुरक्षा करने में विफल रहा है. आम लोगों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे इन अत्याचारों की कड़ी निंदा करती हूं.”
शेख हसीना ने कहा, “चटगांव में एक वकील की हत्या कर दी गई. इस अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए. इस घटना से मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है. एक वकील अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने गया था और उसे पीट-पीटकर मार डालने वाले ‘आतंकवादी’ हैं. उन्हें सजा मिलनी चाहिए.”
पूर्व पीएम ने कहा, “अगर असंवैधानिक तरीके से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करने में नाकाम रहती है तो उसे मानवाधिकार उल्लंघन के लिए भी सजा भुगतनी होगी.”
पूर्व पीएम ने कहा, “मैं देश के लोगों से अपील करती हूं कि वे इस तरह के आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ एकजुट हों. आम लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है.”
ढाका ट्रिब्यून की मंगलवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चटगांव में कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वकीलों और चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के समर्थकों के बीच झड़प के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे.
मृतक की पहचान सैफुल इस्लाम के रूप में हुई थी जिन्हें अलिफ के नाम से भी जाना जाता था. वह 35 साल के थे और सहायक सरकारी वकील (एपीपी) थे.
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk