बूढ़ी मां को लापता कैप्टन बेटे का पता लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दे केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट 

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 81 वर्षीय मां को उनके लापता बेटे कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी का पता लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हर तीन महीने (त्रिमासिक) में जानकारी दे। कैप्टन संजीत, 25 साल पहले, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से लापता हो गए थे।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी परादीवाला की बेंच, लापता सैन्य अधिकारी की मां कमला भट्टाचार्जी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

20 अप्रैल 1997 से लापता है कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी 

कमला भट्टाचार्जी के अनुसार, 19 अप्रैल 1997 को 17 जवानों की एक प्लाटून जिसमें उनका बेटा भी शामिल था, कच्छ के क्षेत्र में गश्त के लिए गए थे। 20 अप्रैल को 15 जवान वापस लौट आए पर दो लोग वापस नहीं लौटे। इसमें एक थे कैप्टन संजीत और दूसरे लांस नायक राम बहादुर थापा। तब से कैप्टन संजीत और लांस नायक थापा लापता है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि दोनों (कैप्टन संजीत और लांस नायक थापा) को ढूंढने के सभी प्रयास किए गए और पाकिस्तान ने भी उनके वहां होने की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि दोनों लापता सैन्यकर्मियों को ढूंढने के लिए राजनयिक मध्यम से प्रयास किए जा रहे है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि वास्तव में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण। 25 साल, आदमी गायब है और किसी ने इसका कारण नहीं लिया। उनको मरा हुआ मान लिया है और पहले ही श्रद्धांजलि दे दी है।

याचिकाकर्ता का दावा पाकिस्तान की जेल में बंद है उनका बेटा

वही याचिकाकर्ता (कमला भट्टाचार्जी) ने दावा किया कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल में पिछले 24 सालों से बंद है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनको जानकारी मिली है कि उनका बेटा लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।

कमला भट्टाचार्जी के पति का नवंबर 2020 में निधन हो गया था। वो भी बेटे के लौट आने का इंतजार कर रहे थे। 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कहा कि अप्रैल 2004 में उनको रक्षा मंत्रालय से एक चिट्ठी मिली थी जिसमें यह कहा गया कि ऐसा अनुमान है कि सुजीत भट्टाचार्जी अब जिंदा नहीं है।

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)

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