आरबीआई ने आईएमपीएस ट्रांसफर में ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये की
मुंबई | डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को बैंकों की तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) की लेनदेन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आईएमपीएस (IMPS) सिस्टम की अहमियत को देखते हुए और उपभोक्ताओं की सुविधा बढ़ाने के लिए यह सीमा बढ़ाई गई है।
वर्तमान आईएमपीएस सीमा 2 लाख रुपये है जिसका अर्थ है कि एक बैंक उपभोक्ता एक दिन में तत्काल धन हस्तांतरण करने के लिए केवल इस (2 लाख रुपये) राशि को स्थानांतरित कर सकता है।
बैंक उपभोक्ता धन हस्तांतरण की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे थे क्योंकि आईएमपीएस पूरे वर्ष तुरंत बैंकिंग हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है और धन हस्तांतरण के लिए व्यवसायों के बीच भी एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। बैंकों के माध्यम से अब सभी दिनों में एनईएफटी (NEFT) धन हस्तांतरण की पेशकश की जाती है पर यह हस्तांतरण तत्काल नहीं होता है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) का आईएमपीएस एक महत्वपूर्ण भुगतान प्रणाली है जो 24 घंटे तत्काल घरेलू फंड ट्रांसफर सुविधा प्रदान करता है।
जनवरी 2014 से प्रभावी आईएमपीएस में प्रति लेनदेन की सीमा वर्तमान में एसएमएस और आईवीआरएस के अलावा अन्य चैनलों के लिए 2 लाख रुपये है। एसएमएस (SMS) और आईवीआरएस (IVRS) चैनलों के लिए प्रति लेनदेन की सीमा 5,000 रुपये है।
घरेलू भुगतान लेनदेन के प्रसंस्करण में आईएमपीएस प्रणाली के महत्व को देखते हुए, एसएमएस और आईवीआरएस के अलावा अन्य चैनलों के लिए प्रति लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
आरबीआई ने कहा कि इससे डिजिटल भुगतान में और बढ़ोतरी होगी और ग्राहकों को 2 लाख रुपये से अधिक का डिजिटल भुगतान करने की अतिरिक्त सुविधा मिलेगी। आरबीआई द्वारा बैंकों को आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
आईएएनएस