पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम में 10.49 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
नई दिल्ली | पाकिस्तान सरकार ने प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 10.49 रूपए बढ़ा दिए गए है जिससे वहां के लोगो का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर निकल रहे और सरकार को कोस रहे है।
जियो न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी नागरिकों को शनिवार की सुबह पता चला कि वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल की कीमत में 10.49 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। जैसा कि अपेक्षित था, कई लोगों ने सोशल मीडिया पर सरकार के इस कदम पर रोष जताया और इंटरनेट पर मीम्स की बाढ़ आ गई।
Me, on bike going to office while petrol price is increased by Rs.10.49 😂🤣 #PetrolPrice #Petrol @murtazasolangi pic.twitter.com/5nUadN6qWN
— Yousif Solangi (@Szabistian1) October 16, 2021
ट्विटर पर हैशटैग पेट्रोलप्राइस ट्रेंड कर रहा है, क्योंकि नेटिजन्स ने इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला है।
पाकिस्तान के ट्विटर यूजर्स ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में उछाल के बाद गुस्सा निकालने के साथ ही काफी कमेंट्स ऐसे भी किए हैं, जिसमें उन्होंने सरकार का मजाक उड़ाया है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
पेट्रोल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पीएमएल-एन के अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता, शहबाज शरीफ ने कहा कि बिजली दरों में 14 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, जनता पर पेट्रोल बम फोड़ा गया है।
Rs 10.49.
100 ka petrol be like 👇👇
#PetrolPrice #Petrol #لیٹ_گئی_ریحام #RehamKhanExposed #ZulfiBukhari pic.twitter.com/EaKGsCH1IL— Masood khan (@Masoodk51214) October 16, 2021
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीटीआई सरकार पर हमला करते हुए, शहबाज शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने उनके इस्तीफे की मांग की है।
Scenes from future.#PetrolPrice pic.twitter.com/81MOPWYjoB
— HINA FATIMA (@vampirinaaaa) October 16, 2021
दूसरी ओर पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने एक बयान में कहा कि पीटीआई सरकार पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देश में महंगाई की सुनामी लेकर आई है।
उन्होंने कहा, सरकार वास्तव में अपनी अक्षमता के लिए लोगों पर आरोप लगा रही है। पीपीपी युग के दौरान, विश्व बाजार में पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों और उत्पादों का बोझ कभी भी जनता के कंधों पर नहीं डाला गया था।
आईएएनएस