पैदल ही अयोध्या की तरफ बढ़ रही है मुंबई की शबनम शेख, करेंगी रामलला के दर्शन
भोपाल | अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है और हर कोई इस नजारे को देखने को न केवल लालायित है बल्कि हर किसी की आकांक्षा है रामलला के दर्शन करने की. रामलला के दर्शन करने की इच्छा लेकर मुंबई से 20 वर्षीय शबनम अयोध्या के लिए निकल पड़ी है. वह पैदल ही मुंबई से अयोध्या आ रही है.
शबनम शेख बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. उनमें भगवान राम के प्रति अगाध आस्था है. वे अपने आपको सनातनी मुस्लिम कहती हैं. उन्हें देश और दुनिया से लोगों के अयोध्या जाने की जानकारी हुई और उन्होंने भी पैदल अयोध्या तक जाने का मन बना लिया.
शबनम रास्ता तय करते हुए मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से गुजर रही हैं. वह अब तक 350 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं. उनका मानना है कि राम की पूजा के लिए किसी को हिंदू होने की जरूरत नहीं है इसके लिए तो इंसान होना ही काफी है. शबनम प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर पैदल चल रही हैं और इस रफ्तार से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक उनका अयोध्या पहुंच पाना असंभव है.
शबनम के हाथ में भगवा ध्वज है जिस पर हनुमान जी की तस्वीर बनी हुई है. साथ में एक पिट्ठू बैग है जिस पर अयोध्या के मंदिर का जिक्र है.
शबनम ने कहा कि जब उन्होंने सुना की युवा साइकिल से और पैदल अयोध्या जा रहे है तो उनके मन में विचार आया क्यों न अयोध्या की यात्रा पर निकला जाए और वो भी पैदल. मन में यह भी विचार था कि भारत की नारी हूं सब पर भारी हूं.
शबनम के दो साथियों – रामरज व विनीत पांडे ने साइकिल से अयोध्या चलने का सुझाव दिया. पर शबनम ने कहा कि हाईवे पर साइकिल चलाना ठीक नहीं रहेगा. लिहाजा उन्होंने पैदल ही अयोध्या जाने का मन बनाया और उनके साथी भी उनके साथ हो लिए.
शबनम बताती हैं कि जब उन्होंने अपनी अयोध्या जाने की योजना के संदर्भ में पिता को बताया तो उन्होंने हामी भर दी. मां जरूर कुछ उदास हुई. उसके बाद तैयारी की और चल पड़े अयोध्या की तरफ. मुंबई से अयोध्या की दूरी लगभग 1,400 किलोमीटर है और वह प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर रही है, अब तक 350 किलोमीटर का रास्ता ही तय कर पाई है. इस लिहाज से उनका 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंचना मुश्किल है मगर वह कहती हैं कि वे तो रामलला के दर्शन करने के लिए निकली है.
आईएएनएस