रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में पेश हो… सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

The Hindi Post

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को तलब किया है. कोर्ट ने यह आदेश मंगलवार को दिया. दरअसल, आयुर्वेदिक कंपनी पतंजिल ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया है. इसी कारण सुप्रीम कोर्ट ने अब बाबा रामदेव को तलब कर लिया है.

पतंजलि आयुर्वेद को रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, अस्थमा और मोटापे जैसी बीमारियों के लिए उसके द्वारा उत्पादित दवाओं के विज्ञापन प्रकाशित न करे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था. कोर्ट ने विज्ञापनों पर रोक लगाई थी. यह आदेश कोर्ट ने 27 फरवरी को दिया था.

कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि आयुर्वेद के कथित भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ याचिका दायर की थी. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवमानना नोटिस जारी होने के बाद दायर हुई थी.

मंगलवार को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद इस मामले में जवाब दाखिल (पतंजलि द्वारा) नहीं किया गया है.

कोर्ट ने न सिर्फ बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा (कोर्ट के समक्ष पेश होने), बल्कि नोटिस जारी कर पूछा कि उन पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बाबा रामदेव की ओर से (कोर्ट में) पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि उन्होंने अवमानना नोटिस पर अब तक अपना जवाब क्यों नहीं दाखिल किया है.

पीठ ने कहा, “अब हम आपके मुवक्किल को अदालत में पेश होने के लिए कहेंगे. अब हम बाबा रामदेव को भी एक पार्टी बनाएंगे. दोनों (बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण) को अदालत में पेश होने के लिए कहा जाएगा.”

कोर्ट ने इस मामले में बाबा रामदेव को पक्षकार न बनाने के रोहतगी के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा, “वह हर विज्ञापन में नजर आए थे. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी.”

अपनी याचिका में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई थी. यह तब की बात है जब उन्होंने कोविड-19 के एलोपैथिक उपचार के खिलाफ विवादास्पद बयान दिए थे.

एक वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा था, ”मेडिकल ऑक्सीजन या बेड की कमी से कही ज्यादा लोग एलोपैथिक दवाओं के उपयोग कर मर गए हैं.”

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)

 


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