लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को मिली जमानत
लखनऊ | केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा, जिन पर पिछले साल 3 अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में चार किसानों की हत्या करने का आरोप लगाया गया है, को मंगलवार शाम लखीमपुर जेल से रिहा कर दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से अपने आदेश में सुधार करने के बाद उनकी जमानत संभव हुई और अब वह रिहा हो गए हैं।
आशीष मिश्रा ने उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) को शामिल करने की मांग की थी, जिनका उच्च न्यायालय के आदेश में ‘अनजाने में’ उल्लेख नहीं किया गया था।
आवेदन में कहा गया है, “यह केवल टाइपोग्राफिक त्रुटि है, जबकि अदालत ने पहले से ही इन धाराओं के तहत जमानत पर विचार किया था और इस तरह, आदेश में इन धाराओं को जोड़ने की अनुमति दे दी गई थी।”
घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछले साल नौ अक्टूबर को आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया था।
डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने उनकी गिरफ्तारी के समय संवाददाताओं से कहा था, “आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि वह पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे और उन्होंने कुछ सवालों के जवाब नहीं दिए हैं।”
घटना को लेकर उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ तब तक कार्रवाई नहीं की जब तक कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को उठाने का फैसला नहीं किया।
शीर्ष अदालत द्वारा मामले में की गई कार्रवाई पर यूपी सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करने के एक दिन बाद आशीष की गिरफ्तारी हुई थी।
दूसरी बार तलब किए जाने पर आशीष पूछताछ के लिए आए और 12 घंटे के बाद डीआईजी अग्रवाल के नेतृत्व में नौ सदस्यीय एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
दरअसल यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा लखीमपुर की यात्रा से पहले किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच तनाव पैदा होने से हिंसा देखने को मिली थी और 3 अक्टूबर, 2021 को आठ लोग मारे गए थे।
मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें तेज रफ्तार एसयूवी से कुचल दिया गया था। बताया गया कि वह एसयूवी कार आशीष मिश्रा की थी। घटना को कवर करने वाले एक पत्रकार की भी घटना में मौत हो गई थी। जवाबी हिंसा में भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए थे।
लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने कहा है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या की सुनियोजित साजिश थी।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) लखीमपुर खीरी हिंसा प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
आईएएनएस