कोलकाता : मांस खाने वाले बैक्टीरिया ने 44 साल के शख्स की जान ली, जानिए क्या है यह मामला

बैक्टीरिया की सांकेतिक तस्वीर (पिक्साबे)

The Hindi Post

कुछ दिन पहले की बात है जब एक शख्स ट्रेन से गिर कर चोटिल हो गया था. उसको इलाज के लिए कोलकाता के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

अब यह खबर सामने आई है कि 44 वर्षीय शख्स की शुक्रवार (पिछले हफ्ते) देर रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (आरजीकेएमसीएच) में मांस खाने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण से मौत हो गई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने कहा कि मांस खाने वाले बैक्टीरिया, जिन्हें चिकित्सकीय शब्दों में नेक्रोटाइज़िंग फैसीसाइटिस कहा जाता है, त्वचा और उसके नीचे के ऊतकों का एक दुर्लभ संक्रमण है और अगर इसका निदान (इलाज) जल्दी नहीं किया जाता तो यह किसी व्यक्ति की जान भी ले सकता है.

 सांकेतिक तस्वीर (पिक्साबे)
सांकेतिक तस्वीर (पिक्साबे)

मृतक का नाम मृण्मय रॉय है. कुछ दिन पहले रॉय ट्रेन से गिर गए थे. इस घटना में वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे. रॉय का अगले एक सप्ताह तक स्थानीय नर्सिंग होम में इलाज चला. जब उनकी हालत बिगड़ने लगी तो उनको 23 अक्टूबर को RGKMCH के ट्रॉमा सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया.

सर्जरी विभाग के प्रोफेसर हिमांशु रॉय ने TOI को बताया कि, “मरीज को सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो रही थी. हमने उसे तुरंत सर्जरी इंटेंसिव केयर यूनिट (एसआईसीयू) में भर्ती कराया, उसे वेंटिलेशन पर रखा और बिना किसी देरी के इलाज शुरू किया.”

एक गहन जांच ने नेक्रोटाइज़िंग फासिसाइटिस की पुष्टि की. लेकिन तब तक संक्रमण उसके (रॉय) निचले अंग, जननांग क्षेत्र को खा चुका था.

प्रतीकात्मक इमेज
प्रतीकात्मक इमेज

डॉक्टर रॉय ने TOI को बताया कि जब मरीज हमारे पास पहुंचा, तब तक घातक बैक्टीरिया ने उसे गंभीर रूप से संक्रमित कर दिया था. जीव पहले ही त्वचा से होते हुए शरीर के कोमल ऊतकों में प्रवेश कर चुके थे. सबसे अच्छे एंटीबायोटिक्स और अन्य सहायक चिकित्सा देने के बावजूद मरीज जीवित नहीं बचा.

डॉक्टर रॉय ने समझाया कि मांस खाने वाले बैक्टीरिया पहले रक्त वाहिकाओं पर हमला करते हैं जिससे घनास्त्रता (रुकावट) होती है जो फिर ऊतकों, प्रावरणी और मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न करती है, अंत में रक्त की आपूर्ति कट जाती है जिससे मौत हो जाती है.

 


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