आतंकवादियों के लिए काम कर रहे थे पुलिसवाले, छह बर्खास्त
श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी फंडिंग के मामले में छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इन सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई थी.
आधिकारिक बयान के अनुसार, पुलिसकर्मियों सहित छह अधिकारी ड्रग्स की बिक्री के जरिए टेरर फंडिंग में संलिप्त पाए गए है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल किया.
बयान के अनुसार, ”जांच से पता चला है कि ये अधिकारी/कर्मचारी पाकिस्तान की आईएसआई और उसकी जमीन से संचालित आतंकवादी समूहों द्वारा संचालित नार्को-टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे.”
जम्मू-कश्मीर सरकार उन दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है जो केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) में आतंकवाद और अलगाववादी अभियान को समर्थन देने में लिप्त पाए गए हैं.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत यह सक्रिय कार्रवाई 2019 के बाद शुरू हुई. आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद से यह कार्रवाई चल रही है.
अब सरकारी अधिकारियों के लिए पदोन्नति के हर चरण पर खुफिया विभाग से सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र और मंजूरी लेना अनिवार्य है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अलगाववादियों और उनके समर्थकों को सिविल सेवाओं और पुलिस में घुसपैठ (नौकरी पाने से) करने से रोका जा सके.
आईएएनएस