ज्वेलर की 19 वर्षीय बेटी बनेगी जैन योगिनी, हमेशा पहनेंगी सफेद वस्त्र, जिएगी सादा जीवन
हैदराबाद | चित्तौड़ के एक अमीर परिवार की 19 वर्षीय लड़की जल्द ही केवल सफेद वस्त्र पहनेगी और सादा जीवन जिएगी. उन्होंने आधुनिक सुख-सुविधाओं को त्यागकर योगिनी बनने का फैसला किया है. इस 19 वर्षीय लड़की का नाम योगिता सुराना है.
योगिता जीवनभर पंखे, लाइट, टूथब्रश, साबुन, शैम्पू जैसी चीजों का उपयोग नहीं करेंगी.
योगिता एक राजस्थानी जैन कन्या हैं. वह अपने पारिवारिक व्यवसाय को संभाल सकती थी लेकिन उन्होंने मोक्ष प्राप्त करने के लिए योगिनी बनने का विकल्प चुना है.
वह अगले सप्ताह हैदराबाद में जैन समाज द्वारा आयोजित एक समारोह में योगिनी बन जाएंगी. उन्होंने कहा कि योगिनी बनने के लिए दीक्षा लेने से पहले उन्होंने खुद को एक ऐसी साध्वी में बदल लिया है जिसे कुछ नहीं चाहिए.
योगिता ने कहा, ”बचपन में मेरी कई इच्छाएं थीं, जैसे पायलट, सीए और आईएएस अधिकारी बनने की. लेकिन जैसे-जैसे में बड़ी हो रही थी, मेरा मन बदल रहा था. इच्छाओं का कोई अंत नहीं है. मैं खुद को इच्छाओं और सांसारिक सुख-सुविधाओं से अलग करना चाहती थी.”
योगिता ने कहा, ”मैं हमेशा सांसारिक सुख से बाहर निकलकर ‘मोक्ष’ पाना चाहती थी और इसीलिए मैं योगिनी बन रही हूं.” उनके माता-पिता पद्मराज सुराना और सपना सुराना, बड़ी बहन भावना और छोटी बहन प्राची उनके विचारों से सहमत हैं.
योगिता ने बताया, ”मेरे फैसले से शुरू में मेरे माता-पिता को झटका लगा. बाद में मेरी मां ने मुझे समझा और सपोर्ट किया. इसके बाद मेरे पिता ने भी मेरा समर्थन किया.”
जैन समाज के साधु स्वरूपचंद कोठारी ने कहा, “जैन धर्म दिशा को आठवां आश्चर्य मानता है. दिशा एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक सामान्य व्यक्ति जैन नन या भिक्षु बन जाता है.”
एक धार्मिक जुलूस निकाला जाएगा. इसमें हाथी, ऊट, घोड़े भी शामिल होंगे. इस जुलूस के दौरान, लड़की को आखिरी बार अच्छे कपड़े पहनाए जाएंगे. जैन धर्म में योगिनी बनने की एक लंबी प्रक्रिया है.
योगिता ने कहा, “योगिनी बनने की प्रक्रिया लंबी होती है. यह पांच दिनों तक चलती है. इसमें करीब 50,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.”
योगिता ने अपनी पढ़ाई बंद कर दी है. वह हिंदी, तेलुगू और अंग्रेजी बोल लेती है.
हिंदी पोस्ट वेब डेस्क/आईएएनएस