“अगर शेख हसीना को वापस नहीं भेजा तो………”: बोला बांग्लादेश

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फाइल फोटो | आईएएनएस)

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दोनों देशों के बीच चल रहे तनातनी के बीच एक बार फिर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर पड़ोसी देश के पेट में मरोड़ उठा है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने कहा है कि अगर भारत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस नहीं करता है तो यह दोनों देशों के बीच हुए प्रत्यर्पण समझौते का स्पष्ट उल्लंघन होगा. नजरुल ने घुड़की दी कि इस समझौते के अनुसार भारत को उन्हें वापस करना होगा.

ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विधि सलाहकार आसिफ नजरुल ने मंगलवार को विधि मंत्रालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा, “हमने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है. यदि भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित नहीं करता है, तो यह बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि का स्पष्ट उल्लंघन होगा.”

इतना ही नहीं, नजरुल ने कहा कि अगर भारत शेख हसीना का प्रत्यर्पण नहीं करता है तो बांग्लादेश का विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय मंच और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास जाकर इस मुद्दे को उठाएगा. उन्होंने कहा, “हसीना के प्रत्यर्पण के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सरकार शेख हसीना को वापस लाने के लिए सभी प्रयास जारी रखेगी. यदि जरूरी हुआ, तो अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा जाएगा.”

बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में छात्रों का विरोध-प्रदर्शन बेकाबू होने के बाद शेख हसीना भागकर भारत पहुंची थीं, तब से वह यहीं शरण लिए हुई हैं. इस वजह से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. सीमा पर भी इसका असर देखा जा रहा है. पिछले हफ्ते ही भारत ने बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूर-अल-इस्लाम को तलब किया था और उन्हें बताया था कि भारत ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के निर्माण में सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया है.

 


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