नई दिल्ली | भाजपा सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर नौकरी और पेपर लीक पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ‘पहले तो सरकारी नौकरी ही है, फिर कुछ मौके मिलते हैं तो पेपर लीक हो जाते हैं।’ उन्होंने सवाल किया कि भारत के युवाओं को कब तक सब्र रखना होगा? पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी किसानों का आंदोलन, लखीमपुर खीरी कांड जैसे मुद्दों पर अपनी ही पार्टी की सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।
वरुण ने ट्वीट कर कहा, “पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??”
पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 2, 2021
रविवार को पेपर लीक होने के बाद यूपीटीईटी 2021 को रद्द करना पड़ा था।
उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया था, “UPTET परीक्षा पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्यवाही से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करे सरकार। क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूख दार हैं, इनपर कार्यवाही कब होगी??”
UPTET परीक्षा पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्यवाही से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करे सरकार। क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूख दार हैं, इनपर कार्यवाही कब होगी?? pic.twitter.com/y64371G3aN
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 29, 2021
अक्टूबर में, वरुण और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति, पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था से हटा दिया गया था।
लखीमपुर खीरी कांड के बाद वरुण गांधी ने कहा था कि इसे हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है।
आईएएनएस