110 बजुर्गों को उतारा गया मौत के घाट, हैरान करने वाली घटना
पोर्ट-ऑ-प्रिंस | हैती के सिटे सोलेइल स्लम में वीकेंड में कम से कम 110 लोगों की हत्या कर दी गई. एक प्रमुख मानवाधिकार समूह ने बताया कि गैंग लीडर ने बुजुर्गों को निशाना बनाया क्योंकि उसे शक था कि इन लोगों ने जादू-टोना करके उसके बच्चे को बीमार कर दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैंग लीडर मोनेल ‘मिकानो’ फेलिक्स ने अपने ‘विव अंसनम’ ग्रुप के साथ मिलकर इस नरसंहार को अंजाम दिया.
नेशनल ह्यूमन राइट डिफेंस नेटवर्क (आरएनडीडीएच) ने कहा कि जब फेलिक्स का बच्चा बीमार हो गया तो उसने एक वूडू पुजारी से इस संबंध में बात की. पुजारी ने क्षेत्र के बुजुर्ग लोगों पर जादू-टोने के जरिए बच्चे को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. इससे भड़क कर फेलिक्स ने नरसंहार का आदेश दे दिया.
बयान में कहा गया कि गैंग के सदस्यों ने शुक्रवार को कम से कम 60 लोगों और शनिवार को 50 लोगों की हत्या कर दी. हत्या करने के लिए चाकुओं और कुल्हाड़ियों का इस्तेमाल किया गया. मृतकों में से सभी की उम्र 60 वर्ष से अधिक थी.
सिटे सोलेइल राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के बंदरगाह के पास एक घनी आबादी वाली बस्ती है. इसे हैती के सबसे गरीब और सबसे हिंसक इलाकों में से एक माना जाता है.
यहां मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है. गिरोहों पर कड़ा नियंत्रण रखा जाता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया था कि फेलिक्स के गिरोह में लगभग 300 लोग थे और वे फोर्ट डिमांचे और ला सलाइन के आसपास सक्रिय थे.
नवंबर 2018 में ला सलाइन में कम से कम 71 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी जबकि सैकड़ों घरों में आग लगा दी गई थी.
राजनीतिक अंतर्कलह से त्रस्त सरकार राजधानी और उसके आसपास सशस्त्र गिरोहों की बढ़ती ताकत को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है.
Reported By: IANS, Edited By: Hindi Post Web Desk