यूपी पुलिस के लिए सिरदर्द बनीं ये चार ‘पत्नियां’
लखनऊ | यूपी के चार माफिया डॉन्स की पत्नियों ने पुलिस को महिनों से छका रखा है. इन पकड़ने का पुलिस का हर प्रयास असफल साबित हो रहा है. चारों को विभिन्न आपराधिक मामलों में साजिशकर्ता के रूप में नामित किया गया है. मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन (51) पुलिस की सूची में सबसे ऊपर है.
राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तबसे शाइस्ता परवीन फरार है.
पुलिस ने दावा किया कि शाइस्ता, उमेश पाल हत्याकांड की मास्टरमाइंड है और उसने ही शूटरों को पैसे दिए थे.
शाइस्ता का तीसरे नंबर का बेटा असद भी उमेश को जान से मारने वाले शूटरों में शामिल था. पुलिस ने असद को 13 अप्रैल को एनकाउंटर में मार गिराया था.
दो दिन बाद यानि 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन हमलावरों ने पुलिस हिरासत में गोली मार हत्या कर दी थी.
शाइस्ता के पति, बेटे और देवर को कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया था. लेकिन शाइस्ता कब्रिस्तान नहीं पहुंची थी.
एसटीएफ इस उम्मीद में कब्रिस्तान में अलर्ट पर थी कि शाइस्ता आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
करीब चार महीने हो गए हैं, लेकिन शाइस्ता परवीन का कोई सुराग नहीं है. उस पर 50 हजार का इनाम भी है.
पुलिस को चकमा देने वाली दूसरी महिला मारे गए गैंगस्टर अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा है.
जैनब भी उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार है.
जायदाद को लेकर शाइस्ता और जैनब के बीच अनबन की खबरें आ रही हैं. सूत्रों का यह भी दावा है कि दोनों एक साथ छिपी हुई हैं और आत्मसमर्पण करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही हैं.
फरार तीसरी महिला का नाम जेल में बंद डॉन मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी है.
मुख्तार अंसारी के अलावा उनके बेटे अब्बास अंसारी और बहू निकहत अंसारी जेल में हैं, जबकि मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया था.
अफशां पर नौ मामले दर्ज किए गए हैं और इनमें से कुछ मामले मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित हैं.
पुलिस अंसारी बंधुओं के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है लेकिन अफशां अंसारी पकड़ से बाहर है.
फरार चौथी महिला पायल माहेश्वरी है, जो गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की पत्नी है. संजीव जीवा की 7 जून को लखनऊ में कोर्ट रूम के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पायल माहेश्वरी ने अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए 8 जून को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उसे यह डर था कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. उसने कोर्ट से आग्रह किया था कि उसे पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिया जाए पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी.
पायल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है.
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “इन चारों महिलाओं की गिरफ्तारी में देरी से यूपी पुलिस की छवि खराब हुई है.”
उन्होंने कहा, “शाइस्ता परवीन, जैनब और अफशा अंसारी के मामले में, बुर्का एक बड़ी बाधा है. तीनों महिलाएं बुर्के में घूमती हैं. इससे उन्हें पहचान पाना लगभग असंभव हो जाता. पायल भी भूमिगत हो गई है.”
आईएएनएस