लखनऊ | सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने एसआईटी की एक रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार किया है, जिसमें उन्हें बलात्कार के एक मामले में आरोपी बसपा सांसद अतुल राय को बचाने की साजिश रचने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का प्रयास करने के कुछ दिनों बाद कथित बलात्कार पीड़िता की इस सप्ताह की शुरूआत में मौत हो गई थी। उसके साथी, जिसने खुद भी आत्मदाह कर लिया था, उसकी भी मौत हो गई है।
ठाकुर ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें एक जीप में भरकर हजरतगंज पुलिस स्टेशन ले गई।
शुक्रवार को अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले, ठाकुर ने घोषणा की थी कि वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बना रहे हैं।
यह यूपी है ! यहॉ की पुलिस अपने आईजी रहे अफ़सर अमिताभ ठाकुर को इस तरह घसीट कर ले जाती है मानों वे बहुत बड़े आतंकी हो ! ख़ौफ़नाक हालात है यूपी के ! https://t.co/mvuke1foOM pic.twitter.com/47Z2l8NojG
— Sanjay sharma (@Editor__Sanjay) August 27, 2021
ठाकुर ने यह भी कहा कि वह गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
शिकायतकर्ता महिला और उसके साथी ने 16 अगस्त को पुलिस और अमिताभ ठाकुर, एसएसपी अमित पाठक और एक न्यायाधीश सहित अन्य अधिकारियों पर उनके खिलाफ साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाकर सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी।
महिला ने एक मई 2019 को अतुल राय के खिलाफ लंका थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।
राय, जिन्होंने घोसी संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था, एक भगोड़े के रूप में चुनाव जीते और बाद में 22 जून, 2019 को अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। तब से वह जेल में हैं।
आईएएनएस