केंद्र सरकार ने खत्म की नो-डिटेंशन पॉलिसी, अब पांचवी और आठवीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अगली क्लास में नहीं मिलेगा प्रमोशन
केंद्र सरकार ने स्कूलों में “नो-डिटेंशन पॉलिसी” को खत्म कर दिया है. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक गजट अधिसूचना भी जारी कर दिया है. शिक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अनिल कुमार सिंघल ने इस बदलाव के बारे में गजट अधिसूचना जारी की है.
इस निर्णय के बाद अब 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी. इस परीक्षा में असफल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलेगा.
ये छात्र परीक्षा का रिजल्ट आने के दो महीने के भीतर फिर से परीक्षा दे सकेंगे. यदि वे दूसरी बार दी गई परीक्षा में पास हो जाते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा. यदि वे फेल हो जाते है तो उन्हें उसी कक्षा में दोबारा पढ़ना होगा.
अधिकारियों ने बताया कि अब से स्कूलों को उन पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को फेल करने की अनुमति होगी जो साल के अंत में होने वाली परीक्षा में पास नहीं होंगे. शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र को तब तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा जब तक कि वह अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता.
इससे पहले देश में नो डिटेंशन पॉलिसी लागू थी. इस नीति के तहत कक्षा 8 तक के छात्रों को अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर भी अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था. यानि छात्रों को फेल नहीं किया जाता था. यह नियम बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हिस्सा था.
हालांकि, मंत्रालय ने अब महत्वपूर्ण बदलाव किया है. एक बड़ा बदलाव यह भी हुआ है कि अब से 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी.
Reported By: IANS, Written By: Hindi Post Web Desk