1600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला: इस विश्वविद्यालय के संस्थापकों से जुड़े परिसरों पर ED की छापेमारी

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प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने प्रणव गुप्ता और विनीत गुप्ता की कंपनी – पैराबोलिक ड्रग्स फार्मा लिमिटेड से जुड़े 1,626 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और हरियाणा में 15 स्थानों पर छापेमारी करके तलाशी ली.

प्रणव और विनीत – अशोका यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापक भी हैं और पिछले साल दोनों ने अपना पद छोड़ दिया था.

ED के एक सूत्र ने कहा कि एजेंसी (ED) की टीमें दिल्ली, अंबाला, पंचकुला, चंडीगढ़ और मुंबई में पैराबोलिक कंपनी के प्रतिष्ठानों पर तलाशी अभियान चल राय है. हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी इस घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए हैं.

CBI ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से 1,626.74 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी को लेकर पैराबोलिक ड्रग्स के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इसके आधार पर ही ED ने मामला बनाया है.

जिनके खिलाफ केस दर्ज किया गया उन लोगों में अशोका यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापक प्रणव और विनीत गुप्ता के नाम भी शामिल है. प्रणव गुप्ता पैराबोलिक ड्रग्स के प्रबंध निदेशक हैं जबकि विनीत फर्म के निदेशकों में से एक हैं.

CBI द्वारा दर्ज केस में दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल के नाम शामिल है. ये सभी फर्म के डायरेक्टर्स है. फर्म के गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल, और जेडी गुप्ता के नाम भी FIR में शामिल हैं.

CBI ने 31 दिसंबर, 2021 को चंडीगढ़, पंचकुला, लुधियाना, फरीदाबाद और दिल्ली में 12 स्थानों पर आरोपियों के ऑफिसेस और आवासीय परिसरों में तलाशी ली थी.

तलाशी लेने के दौरान, CBI को आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख और 1.58 करोड़ रुपये नकद मिले थे.

CBI अधिकारियों के मुताबिक, यह फर्म दवाओं के निर्माण में लगी हुई थी. इसने कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी करके बैंकों के एक समूह को धोखा दिया है.

हिंदी पोस्ट वेब डेस्क
(इनपुट्स: आईएएनएस)


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