चालू वित्तवर्ष में जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट का अनुमान

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The Hindi Post

नई दिल्ली | देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान 7.7 फीसदी गिरावट का अनुमान है, जबकि पिछले वित्तवर्ष में देश की आर्थिक विकास दर 4.2 फीसदी दर्ज की गई थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को चालू वित्तवर्ष की जीडीपी का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वित्तवर्ष 2020-21 में देश की वास्तविक जीडीपी यानी स्थिर कीमत (2011-12) के आधार पर जीडीपी 134.40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 31 मई 2020 को जारी पिछले वित्तवर्ष 2019-20 की जीडीपी का प्रोविजनल अनुमान 145.66 लाख करोड़ रुपये था।

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इस प्रकार, वित्तवर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी वृद्धिदर 4.2 फीसदी दर्ज की गई थी।

एनएसओ द्वारा जारी प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) 2020-21 में 123.39 लाख करोड़ रुपये रहने का आकलन किया गया है, जबकि पिछले वित्तवर्ष के दौरान यह आंकडा 133.01 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार चालू वित्तवर्ष में जीवीए में 7.2 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है।

एनएसओ के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर 25 मार्च 2020 को लगाए गए प्रतिबंधों में हालांकि बाद में धीरे-धीरे ढील दी गई, लेकिन उससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ने के साथ-साथ डाटा संग्रह की प्रक्रिया भी प्रभावित रही।

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जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्तवर्ष में व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाओं के वास्तविक जीडीपी में 21.3 फीसदी की गिरावट रह सकती है, जबकि वित्तीय, रियल स्टेट और पेशेवर सेवाओं में 0.8 फीसदी और लोक प्रशासन, प्रतिरक्षा और अन्य सेवाओं में 3.7 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान है।

वहीं, कृषि, वानिकी और माहीगिरी के वास्तविक जीवीए में 3.4 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जबकि खनन और खदान के क्षेत्र में 12.4 फीसदी की गिरावट और विनिर्माण क्षेत्र में 9.4 फीसदी की गिरावट का अनुमान है।

आईएएनएस

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